जबरदस्त हैं नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के ये डायलॉग्स
"एक ही जान है या तो अल्लाह लेगा या मोहल्ला."
जिसको तू धंधा बोलता है ना. क्राइम है वो. धंधा बंद करले, वर्ना सांस लेना भी मुश्किल कर दूंगा...
15 मिनट तक सांस रोक सकता हूं मैं, कुछ नहीं होता मुझे..
कभी कभी तो लगता है अपुन-इच भगवान है..
धर्म ने पवित्रता में धंदा खोजा..
भीख मांगने से अच्छा है, गुंडा बनके अपना हक छीनना..
मौत को छू के तक से वापस आ सकता हूं...