हिंदी सिनेमा में तमाम चेहरे ऐसे हुए हैं, जिन्हें भुला पाना नामुमकिन है. ऐसा ही एक चेहरा मधुबाला का था, जिनकी खूबसूरती को आज तक कोई नहीं भुला पाया.
14 फरवरी, 1933 के दिन दिल्ली में एक पश्तून मुस्लिम परिवार में जन्मी मधुबाला बचपन से ही फिल्मों से जुड़ गई थीं. उस वक्त उनकी उम्र महज नौ साल थी.
बतौर अभिनेत्री मधुबाला का एक्टिंग डेब्यू 1947 में नाटक 'नीलकमल' से हुआ. इसके बाद 'दिल की रानी' और 'अमर प्रेम' में भी काम किया.
फिल्म मुगल-ए-आजम में मधुबाला ने अनारकली की भूमिका निभाई थी, जिसमें अनारकली को उसका इश्क नहीं मिलता है और दीवार में जिंदा चिनवा दिया जाता है.
मधुबाला को असल जिंदगी में दीवार में तो नहीं चिनवाया गया, लेकिन उनका इश्क कभी मुकम्मल नहीं हो पाया.
मधुबाला की छोटी बहन मधुर भूषण उर्फ जाहिदा ने बताया था कि वह ताउम्र सच्चे प्यार के लिए तरसती रहीं. उनका दावा था कि मधुबाला को सिर्फ दिलीप कुमार ने नहीं, बल्कि किशोर कुमार ने भी धोखा दिया.