IND vs SA 1st Test: ईडन गार्डन्स की पिच पर भारतीय कोच मोर्नी मोर्कल ने जताई हैरानी, बोले - 'ऐसी उम्मीद नहीं थी'
IND vs SA 1st Test - ईडन गार्डन्स की पिच पर भारतीय कोच मोर्नी मोर्कल ने जताई हैरानी, बोले - 'ऐसी उम्मीद नहीं थी'
कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में पिच का व्यवहार चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। इस टेस्ट मैच के पहले दिन जहां कुल 11 विकेट गिरे थे, वहीं दूसरे दिन के खेल में यह संख्या बढ़कर 15 हो गई, जिससे खेल की गति और परिणाम पर गहरा असर पड़ा। दिन का खेल समाप्त होने के बाद, भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच मोर्नी मोर्कल ने भी पिच की स्थिति पर। अपनी हैरानी व्यक्त की, जिससे इस बात पर जोर दिया गया कि यह विकेट अप्रत्याशित रूप से खराब हुआ है।
ईडन गार्डन्स में नाटकीय दूसरा दिन
कोलकाता टेस्ट का दूसरा दिन नाटकीय घटनाओं से भरा रहा, जिसमें बल्लेबाजों को पिच पर टिके रहने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम अपनी पहली पारी में केवल 189 रन बनाकर ऑलआउट हो गई, जो एक टेस्ट मैच के लिए काफी कम स्कोर माना जाता है। इसके जवाब में, दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भी अपनी दूसरी पारी में संघर्ष किया और दिन का खेल खत्म होने तक 93 रन पर 7 विकेट गंवा दिए थे। इस समय उनके पास केवल 63 रनों की मामूली बढ़त है, जो मैच को तीसरे दिन ही निर्णायक मोड़ पर ला सकती है। पिच के इस अप्रत्याशित व्यवहार ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
दूसरे दिन के खेल के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में, भारतीय टीम। के गेंदबाजी कोच मोर्नी मोर्कल ने पिच की स्थिति पर खुलकर बात की। जब उनसे पिच के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपनी ईमानदारी व्यक्त करते हुए। कहा कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि विकेट इतनी जल्दी खराब हो जाएगा। मोर्कल ने बताया कि जब उन्होंने मैच के पहले कुछ घंटों का खेल देखा था, तो उन्हें लगा था कि यह एक अच्छा विकेट है, जो बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए समान अवसर प्रदान करेगा। हालांकि, पिच की स्थिति में तेजी से गिरावट आई, जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।एशियाई परिस्थितियों में अनुकूलन
मोर्नी मोर्कल ने आगे कहा कि एशियाई परिस्थितियों में इस तरह के पिच व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है, और टीमों को उसी के अनुसार अपने खेल में बदलाव करना होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय टीम के पास तेज और स्पिन दोनों तरह। के बेहतरीन गेंदबाज मौजूद हैं, जो किसी भी परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। मोर्कल के अनुसार, टीम के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे चुनौती का सर्वश्रेष्ठ तरीके से सामना करें और उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करें। यह दर्शाता है कि टीम किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, भले ही पिच अप्रत्याशित व्यवहार करे।बल्लेबाजी में चूक और शुभमन गिल का झटका
भारतीय टीम की पहली पारी में 189 रन पर सिमट जाने को लेकर भी मोर्नी मोर्कल ने अपनी बात रखी। उन्होंने स्वीकार किया कि टीम को लगता है कि उन्हें। पहली पारी में 50 से 60 रन और बनाने चाहिए थे। यह अतिरिक्त रन मैच की स्थिति को काफी हद तक बदल सकते थे। मोर्कल ने शुभमन गिल के रिटायर्ड हर्ट होने को टीम के लिए एक बड़ा झटका बताया। गिल का चोटिल होकर मैदान से बाहर जाना टीम की बल्लेबाजी रणनीति के लिए एक अप्रत्याशित बाधा थी, जिसने शायद टीम के कुल स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाला।ऋषभ पंत की कप्तानी पर टिप्पणी
शुभमन गिल के रिटायर्ड हर्ट होने के बाद कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने वाले ऋषभ पंत को लेकर भी मोर्नी मोर्कल ने टिप्पणी की और उन्होंने कहा कि हर किसी का अपना तरीका होता है और इसमें कुछ भी गलत या सही नहीं होता। मोर्कल ने इस बात पर जोर दिया कि मैच के बाद ही यह सोचा जाता है कि बेहतर प्रदर्शन के लिए और क्या किया जा सकता था। यह टिप्पणी पंत की युवा कप्तानी और उनके सीखने की प्रक्रिया को दर्शाती है, जहां हर मैच एक अनुभव होता है जिससे सुधार किया जा सकता है।तीसरे दिन के परिणाम की उम्मीद
कोलकाता टेस्ट मैच अब एक रोमांचक मोड़ पर आ गया है, जहां तीसरे दिन ही परिणाम की पूरी उम्मीद की जा सकती है। दक्षिण अफ्रीका के पास केवल 63 रनों की बढ़त है और उनके 7 विकेट गिर चुके हैं, ऐसे में भारतीय गेंदबाजों के पास मैच को अपनी मुट्ठी में करने का सुनहरा अवसर है। पिच के लगातार खराब होते व्यवहार को देखते हुए, तीसरे दिन भी विकेटों का पतझड़ जारी रहने। की संभावना है, जिससे यह टेस्ट मैच एक कम स्कोर वाला और तीव्र मुकाबला बन गया है।