India-US Tariff War: जैसे ही अमेरिका ने भारतीय सामानों पर भारी टैक्स लगाने का ऐलान किया, मोदी सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में वस्तु और सेवा कर (GST) में कटौती की घोषणा की। इस कदम से न केवल आम जनता को सस्ती वस्तुओं के रूप में राहत मिलेगी, बल्कि कारोबारियों के लिए भी व्यापार करना आसान हो जाएगा। इस फैसले ने कई सरकारी अधिकारियों को भी आश्चर्यचकित कर दिया, क्योंकि GST सुधारों पर चर्चा तो लंबे समय से चल रही थी, लेकिन इतना बड़ा ऐलान इतनी जल्दी होने की उम्मीद किसी को नहीं थी। कुछ राज्य सरकारों को भी इसकी पूर्व सूचना नहीं थी।
मोदी सरकार अब व्यापक बदलाव की दिशा में बढ़ रही है। सामान और सेवाओं पर लगने वाला टैक्स कम किया जाएगा और टैक्स नियमों को सरल बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे लोगों की जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे, जिससे बाजार में खरीदारी बढ़ेगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पुराने और जटिल कानूनों को खत्म किया जाएगा ताकि कारोबारी आसानी से काम कर सकें। वर्तमान में भारत में व्यापार करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि कई तरह के कागजी कार्यवाही, परमिट, और सरकारी मंजूरी की आवश्यकता होती है। इससे बड़े प्रोजेक्ट अटक जाते हैं और विदेशी निवेशक भी हिचकते हैं।
सरकार ने दो बड़ी कमेटियों का गठन किया है जो राज्यों में नियमों को सरल बनाने और अगले दौर के सुधारों पर काम करेंगी। पहली कमेटी की अगुवाई कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन करेंगे, जो राज्य स्तर पर बदलावों पर ध्यान देगी। दूसरी कमेटी नीति आयोग के राजीव गौबा के नेतृत्व में बनेगी, जो राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत सुझाव देगी। इसके अलावा, सरकार उन कंपनियों को राहत देने पर विचार कर रही है जो अमेरिका को कपड़े, जूते, और गहने जैसे सामान निर्यात करती हैं। इसके लिए सस्ते ब्याज पर कर्ज और नए बाजारों में सामान बेचने में सहायता जैसे कदमों पर विचार किया जा रहा है।
सरकार GST के मौजूदा चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, और 28%) को घटाकर दो स्लैब (5% और 18%) करने की योजना बना रही है। जरूरी सामानों पर केवल 5% टैक्स लगेगा। साथ ही, अत्यंत विलासिता वाली वस्तुओं और ‘सिन गुड्स’ (जैसे शराब, सिगरेट, लक्ज़री कारें) पर 40% GST लगाने का प्रस्ताव है। IDFC फर्स्ट बैंक का अनुमान है कि टैक्स में इस कटौती से अगले एक साल में भारत की आर्थिक वृद्धि 0.6% तक बढ़ सकती है। इससे खाने-पीने की चीजें, कपड़े, और अन्य रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे खरीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
भारत की आर्थिक स्थिति वर्तमान में मजबूत मानी जा रही है। महंगाई नियंत्रण में है, बैंकिंग क्षेत्र स्थिर है, और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी S&P ने भी भारत की साख को बेहतर बताया है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल का कहना है कि यह भारत के लिए लंबे समय से टाले जा रहे सुधारों को लागू करने का सुनहरा अवसर है। नोमुरा फाइनेंशियल की अर्थशास्त्री सोनल वर्मा का कहना है कि ये सुधार न केवल अमेरिका के टैक्स का जवाब हैं, बल्कि यह संदेश भी देते हैं कि भारत में कारोबार करना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो रहा है।