Rajasthan Vidhan Sabha: कल राजस्थान के विधायकों की विधानसभा में होगी ट्रेनिंग- ओम बिरला देंगे टिप्स

Rajasthan Vidhan Sabha - कल राजस्थान के विधायकों की विधानसभा में होगी ट्रेनिंग- ओम बिरला देंगे टिप्स
| Updated on: 15-Jan-2024 07:31 PM IST
Rajasthan Vidhan Sabha: विधानसभा में कल विधायकों की एक दिन की ट्रेनिंग वर्कशॉप होने जा रही है, इसमें सभी विधायकों को बुलाया गया है। सुबह 10:30 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक विधायकों को अलग अलग सत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जयपुर आएंगे। सुबह उद्घाटन सत्र में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का भाषण होगा। धनखड़ अपने संसदीय अनुभव साझा करेंगे। शाम को समापन सत्र में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने अनुभव बताएंगे। सीएम भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी ट्रेनिंग वर्कशॉप में रहेंगे।

विधानसभा स्पीकर देवनानी ने कहा- एक दिन की ट्रेनिंग वर्कशॉप में अलग-अलग सत्र रखे हैं। उद्घाटन सत्र के बाद विधानसभा की प्र​क्रिया, कार्य संचालन नियमों और सदन में आचरण को लेकर लोकसभा सांसद सत्यपाल सिंह और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह संबोधित करेंगे। इसके बाद प्रश्नकाल और शून्यपाल में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल का सत्र रखा गया है।

विधानसभा की ​समितियों पर पूर्व स्पीकर सीपी जोशी का सत्र होगा। राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी संसदीय विशेषाधिकार बिल पास करने की प्रक्रिया पर जानकारी देंगे। विधानसभा और संसदीय मामलों के एक्सपर्ट चक्षु राय का बजट प्रबंधन और कटौती प्रस्ताव पर सत्र रखा गया है। लोकसभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल संसदीय प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, विशेष उल्लेख के प्रस्ताव पर जानकारी देंगे।

देवनानी बोले- साल में 60 दिन विधानसभा चलाने का प्रयास होगा

विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि मेरा प्रयास होगा विधानसभा की बैठकें ज्यादा हों। केरल विधानसभा 60 दिन चलती है। हमारे भी नियमों में हैं कि कम से कम साल में 60 दिन विधानसभा की बैठकें होनी चाहिए। पिछले कई साल से हमने देखा है कि विधानसभा की बैठकों की संख्या लगातार कम होती गई।

देवनानी ने कहा- विधानसभा में कई बार पक्ष-विपक्ष के बीच डेडलॉक बन जाता है। डेडलॉक को संवाद से तोड़ने का प्रयास होगा। किसी गतिरोध की हालत में पक्ष-विपक्ष को एक टेबल पर बैठाकर समाधान करेंगे। मेरी भूमिका संवाद की रहेगी। विधानसभा में सार्थक चर्चा हो, विधानसभा पर जनता का पैसा खर्च होता है तो उसकी सार्थकता तभी है जब जनहित के मुद्दों पर अधिकाधिक चर्चा हो।

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