राजस्थान / राजस्थान मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद 15 मंत्रियों ने ली शपथ

Zoom News : Nov 21, 2021, 09:08 PM
जयपुर: राजस्थान में करीब तीन साल बाद गहलोत मंत्रिमंडल के बड़े विस्तार में रविवार को यहां 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ राज्य के अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित फेरबदल पूरा हो गया।

कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे किसी निर्दलीय विधायक को पुनर्गठन के तहत मंत्री पद नहीं दिया गया है। गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया। सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव व सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।

ये विधायक बने मंत्री

कैबिनेट मंत्री : हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत।

राज्यमंत्री : जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा।

इनको मिली पदोन्नति

नये मंत्रियों में ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है।

बगावत करने वाले विश्वेंद्र व रमेश फिर मंत्रिमंडल में शामिल

इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ-साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वहीं, बसपा से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है।

नई टीम में इन्हें नहीं मिली जगह

इस पुनर्गठन में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया गया है। इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा से अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे। डोटासरा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। डॉ. शर्मा को पार्टी ने हाल ही में गुजरात जबकि हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है।

क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश

राज्य की कांग्रेस सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है। इस दौरान मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पुनर्गठन के जरिये पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के साथ ही क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश की गई है। जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, वे अनुसूचित जाति से हैं। गहलोत की नई टीम में चार अनुसूचित जाति से और तीन अनुसूचित जनजाति के मंत्री हैं। अब कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो गई हैं।

राजस्थान में फिर सरकार बनाएंगे : गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सरकार बनाएगी। राज्य मंत्रिपरिषद में 15 नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पहले गहलोत ने ट्वीट किया, आज राजस्थान सरकार के मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सभी विधायकों को शुभकामनाएं।

गहलोत ने लिखा, ‘पिछले 35 महीने में हमारी सरकार ने प्रदेश को संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन देने का कार्य किया है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमारी सरकार ने प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है।

गहलोत के अनुसार, ‘हमारे कार्यकाल में हुए विधानसभा उपचुनावों एवं स्थानीय निकायों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाकर जनता ने हमारी सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है। हम सभी को आने वाले समय में भी जनता के इस विश्वास को बनाए रखना है। इसके लिए पूरी मेहनत एवं समर्पण के साथ कार्य जारी रखना है।

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, हम सब एकजुटता के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की नीति, विचारधारा एवं कार्यक्रम को आम जनता तक लेकर जाएंगे एवं विकास के एजेंडे पर एक बार फिर 2023 के विधानसभा चुनाव को जीतकर पुन: राजस्थान में सरकार बनाएंगे।

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