दुनिया / तालिबान से लोहा लेने वाली 16 साल की कमर गुल ने अपने पति को ही उतारा मौत के घाट

NavBharat Times : Jul 24, 2020, 09:22 AM
काबुल: अफगानिस्तान में जिस तालिबान पर नकेल कसने के लिए दुनिया की सुपरपावर तक परेशान है, 16 साल की कमर गुल ने उसको सबक सिखाकर मिसाल पेश की है। इस केस में अब एक और अहम जानकारी भी सामने आई है कि गुल ने जिन दो तालिबानियों को मार डाला था, उनमें से एक उसका पति था। पहले की रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि तालिबानी गांववालों से वसूली करने आए थे, जबकि दूसरों का कहना था कि गुल के पैरंट्स सरकार का समर्थन करते थे। इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया। हालांकि, रिश्तेदार और स्थानीय रिपोर्ट्स का कहना है कि गुल का पति उसे जबरदस्ती वापस ले जाने आया था।

मार डाले थे दो लड़ाके, कई घायल

आपको बता दें कि 17 जुलाई को रात एक बजे अफगानिस्तान के घोर प्रांत में पिछले हफ्ते ये तालिबान आतंकवादी गुल के घर में घुस गए उनके माता-पिता को मार डाला। इसके बाद कमर गुल बाहर निकलीं और AK-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी जिसमें दो लड़ाके मारे गए। अब पता चला है कि गुल के पिता शाह गुल रहीमी ने 2016 में गुल की शादी मोहम्मद नईम से की थी और उन्होंने खुद नईम की भतीजी से अपनी दूसरी शादी रचाई थी।


गुल को लेकर चले गए थे उसके पिता

हालांकि, बाद में नईम तालिबान से जाकर मिल गया। रिश्तेदारों और स्थानीय अधिकारियों को कहना है कि वह कर्ज में डूबा था और उसकी निजी जिंदगी में उथल-पुथल चल रही थी। गुल के साथ वक्त बिताने के लिए अपनी पहली पत्नी को नजरअंदाज करने पर नईम का अपने परिवार से झगड़ा हो गया था और उसने घर छोड़ दिया। दूसरी ओर रहीमी की दूसरी पत्नी जब अपना घर छोड़कर आ गई तो रहीमी गुल को अपने साथ लेकर चले गए और नईम से अपना सारा कर्ज चुकाने को कहा।

कर्ज चुकाने की जगह हमला बोला

तब तक नईम की एक तालिबानी कमांडर के साथ नजदीकी बढ़ गए थी जिसने कर्ज चुकाने की जगह दर्जनों लड़ाके गुल के घर भेज दिए। 17 जुलाई की रात को गुल के पिता और मां को गोली मार दी गई। तब गुल ने अपने पिता की AK-47 से ओपन फायरिंग की और दो लड़ाकों को मार डाला जिनमें से एक नईम था।


'आखिरी बार माता-पिता से बात नहीं कर सकी'

गुल अपने माता-पिता की हत्या का बदला लेकर खुश हैं। उनका कहना है, 'मैंने उन्हें मारा क्योंकि उन्होंने मेरे माता-पिता को मारा और मुझे पता था कि वे मेरे और मेरे भाई को लिए वापस आएंगे।' हालांकि, उन्हें इस बात का गम है कि वह अपने माता-पिता से आखिरी बार मिल नहीं सकीं। उन्होंने बताया, 'जब मैंने दो तालिबानियों को मार दिया और फिर अपने पैरंट्स के पास गई तो वे सांस नहीं ले रहे थे। मुझे गम है कि मैं आखिरी बार उनसे बात नहीं कर सकी।' घोर प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता आरिफ अबेर ने गुल और उनके भाई हबीबुल्ला को तालिबान के खिलाफ लड़ाई में आज के जमाने का चैंपियन बताया है।

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