ऑटो / ऑटोमोबाइल बिक्री के लिहाज़ से एक दशक का सबसे खराब त्योहारी सीज़न रहा 2021: एफएडीए

Zoom News : Nov 03, 2021, 01:20 PM
नई दिल्ली: महामारी की वजह से पिछले करीब दो साल से मंदी की मार झेल रहे सराफा कारोबारियों के चेहरे पर दिवाली से पहले रौनक देखने को मिली। धनतेरस के दिन मंगलवार को देशभर के सराफा बाजार खरीदारों से गुलजार रहे और सोने-चांदी की जमकर खरीदारी हुई। हालांकि, वाहन बिक्री के लिहाज से यह त्योहारी सीजन एक दशक में सबसे खराब रहा।

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक, धनतेरस के दिन देशभर में सोने और चांदी की खुदरा बिक्री 7,500 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई, जो महामारी पूर्व स्तर (2019) से ज्यादा है। इस दिन करीब 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई। इससे पहले 2020 में धनतेरस के दिन 3,500 से 4,000 करोड़ रुपये की खुदरा बिक्री हुई थी, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 4,500 करोड़ रुपये था।

वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि त्योहारी सीजन के बावजूद वाहनों की बिक्री रफ्तार नहीं पकड़ रही है। बाजार में मांग के बावजूद उत्पादन और आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसकी प्रमुख वजह चिप संकट है। हालांकि, एमजी मोटर ने धनतेरस के दिन मिड साइज एसयूवी एस्टर कार की 500 से ज्यादा डिलीवरी की।

पहले से थी तैयारी डिजाइन पर जोर

द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि बेहतर बिक्री की उम्मीद में सराफा कारोबारियों ने धनतेरस के लिए पहले से ही सभी तैयारियां कर ली थी। पुराने आभूषणों का हॉलमार्क कराने के साथ इस बार व्यापारियों का डिजाइन पर भी ज्यादा जोर रहा। सोने की छोटी रिंग से लेकर अंगूठी, नेकलेस, कुंडल, सिक्के और सोने के पतरे तक के ज्यादा डिजाइन बाजार में उपलब्ध हैं।

टीकाकरण से कम हुआ डर, दिल खोलकर खर्च

सिंघल ने बताया कि महामारी की वजह से लोग करीब दो साल से घर से बाहर नहीं निकले हैं और न ही खुशी से कोई त्योहार मनाया है। लेकिन, कोरोना के मामलों में कमी और तेज टीकाकरण से लोगों का डर कम हुआ है। इस बार वे त्योहारों में दिल खोलकर खर्च कर रहे हैं।

3,581 रुपये सस्ता है इस साल सोना, 4000 करोड़ रुपये तक का सोना बिका था पिछले साल धनतेरस के दिन

इस साल धनतेरस के दिन दिल्ली सराफा बाजार में सोने की कीमत 53 रुपये बढ़कर 46,844 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पहुंच गई, जो 2020 से 3,581 रुपये कम है। पिछले साल धनतेरस के दिन सोना 50,425 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव था। चांदी ने भी मंगलवार को बढ़त बनाई और 45 रुपये महंगा होकर 63,333 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पहुंच गई। यह कीमत पिछले साल के 62,542 रुपये से ज्यादा है।

इस बार खरीदारों के लिए ऑफर नहीं

इस धनतेरस बाजार में लुभावने ऑफर की भरमार नहीं रही क्योंकि व्यापार बंद होने की वजह से सराफा कारोबारी या खुदरा दुकानदार ऑफर देने की स्थिति में नहीं है। लेकिन, दो साल बाद बाहर निकले लोग इस त्योहारी सीजन खर्च करना चाहते हैं। इसलिए बिनी किसी ऑफर के भी बाजारों में भीड़ रही और बिक्री के मोर्चे पर पिछले साल के मुकाबले तेजी रही।

बिक्री महामारी पूर्व स्तर पर

महामारी की वजह से करीब दो साल बाद इस धनतेरस बाजारों में रौनक लौटी है। इस साल उपभोक्ता मांग सकारात्मक है। मूल्य के लिहाज से बिक्री पिछले साल सेे 10-15% ज्यादा रही, जबकि मात्रा के लिहाज से महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच गई। देशभर में खासतौर पर उत्तर, पूर्व और पश्चिमी क्षेत्रों में बेहतर कारोबार हुआ। -आशीष पेठे, चेयरमैन (स्थानीय परिषद), अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण

राई का दावा.. कपड़ों की दुकानों में इस बार ज्यादा भीड़

धनतेरस के दिन सोने और चांदी के अलावा लोगों ने होम अप्लायंसेस एवं कपड़ों पर भी जमकर खर्च किए हैं। रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (राई) के सीईओ कुमार राजगोपालन ने बताया कि लोग होम अप्लायंसेस के लिए अब धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों का इंतजार नहीं करते हैं। पूरे साल इसकी खरीदारी होती है। इस बार कपड़ों की दुकानों पर पिछले साल के मुकाबले ज्यादा भीड़ देखने को मिली। त्योहारों की वजह से लोगों ने कपड़ों की जमकर खरीदारी की। 

सामान्य रहा बर्तन का कारोबार

द बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक, इस बार देशभर में बर्तन का कारोबार सामान्य रहा क्योंकि लोग होम अप्लायंसेस की तरह इसकी खरीदारी भी पूरे साल करने लगे हैं। पहले धनतेरस के दिन लोग थाली, चम्मच, कटोरी और विभिन्न प्रकार के बर्तन खरीदना शुभ मानते थे। हालांकि, अब यह चलन धीरे-धीरे कम हो गया है और इन बर्तनों की जगह अब डिनर सेट ने ले ली है, जिसकी खरीदारी पूरे साल चलती रहती है। 

19 महीने बाद दिखा उत्साह

कोरोना काल के 19 महीने बाद सराफा बाजार में पहली बार ऐसी चमक दिख रही है। इससे कारोबारी भी उत्साहित हैं। अच्छी बात है कि खरीदार अपने इस्तेमाल के साथ निवेश के लिए भी सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसकी वजह कोरोना के मामलों में कमी और टीकाकरण अभियान है।

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