Dainik Bhaskar : Sep 27, 2019, 03:02 PM
भोपाल. हनी ट्रैप मामले की मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ कर रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को जांच कर रहे एसआईटी चीफ संजीव शमी से पूरी रिपोर्ट ली। बताया जा रहा है कि हनी ट्रैप से जुड़े बड़े राजनेता, आईएएस व आईपीएस अफसरों से जुड़े कुछ गंभीर विषयों को भी उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। इसके अलावा सीएम ने मंत्रियों को सीएम हाउस बुलाकर अलग-अलग बातचीत कर फीडबैक भी लिया है।
जांच से जुड़े सूत्र बताते हैं कि हनीट्रैप में पकड़ी गई महिलाओं ने स्वीकार किया है कि उन्होंने 24 कॉलेज जाने वाली छात्राओं को जबरन नेताओं और नौकरशाहों के सामने पेश किया गया था। मोनिका यादव को इन्हीं में से एक माना जा रहा है। इधर, जांच में राजधानी के बड़े व्यापारियों के फंसे होने की बात भी कही जा रही है। साथ ही पकड़ी गई महिलाएं जल्दी ही इनके नामों का खुलनासा भी कर सकती हैं। हनीट्रैप मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सीबीआई से जांच कराने मांग की है। उन्होंने कहा कि मामला राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच सीबीआई को देनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार चाहे तो हम अगले किसी भी सत्र में इस मामले पर चर्चा करने को भी तैयार है।गाजियाबाद का फ्लैट खाली करवाया राज्य सरकार ने दिल्ली में सायबर सेल के गाजियाबाद में बने फ्लैट को खाली करवा दिया है। डीजीपी वीके सिंह ने इस मामले में एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर को तलब कर फटकार भी लगाई। साथ ही पूछा कि आखिर यह फ्लैट किसकी अनुमति से लिया गया था और इतना दूर फ्लैट लेने की वजह क्या थी? आईपीएस को नोटिस देने की भी खबर है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में आरोपी महिलाओं और युवतियों का अक्सर दिल्ली-राजस्थान जाना होता था। पुलिस को जांच में इनके दिल्ली में ठहरने और वीआईपी इंतजाम के सुराग मिले हैं। तभी यह सामने आया कि दिल्ली में सायबर सेल ने सरकारी कामकाज के नाम पर गाजियाबाद के पॉश इलाके में किराए पर फ्लैट लिया हुआ है।एक आईएएस अफसर की गतिविधि पर सरकार गंभीरसर्विलांस शुरू होने के बाद भी श्वेता स्वप्निल के घर पहुंचे एक आईएएस अफसर को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। बताया जा रहा है कि ये अधिकारी रिवेरा स्थित श्वेता के घर पर देखे गए थे। इनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना बन रही है। हालांकि यह निर्णय मुख्यमंत्री स्तर से लिया जाना है।महिलाओं के मददगार पुलिसकर्मियों पर केस दर्जजिस्मफरोशी की आड़ में हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग के कारोबार में कॉलगर्ल्स की मदद करने वाले तीन पुलिसकर्मियों पर क्राइम ब्रांच ने अड़ीबाजी का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी कॉलगर्ल के इशारे पर रईसजादों पर रकम ऐंठने का दबाव बनाते थे। पुलिस ने गुरुवार को तीनों पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। आमना सामना कराया, पुलिस कर्मियों ने नहीं दिया जवाब इस मामले में टीम ने नौ कॉल गर्ल, आठ ग्राहक और तीन दलालों को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। कुल 23 आरोपियों को पुलिस की मिनी बस से गुरुवार दोपहर अदालत पहुंचाया। इससे पहले पुलिस ने रैकेट की सरगना से तीनों पुलिसकर्मियों का आमना-सामना करवाया। सरगना ने जैसे ही करतूत उजागर करनी शुरू की, तीनों पुलिसकर्मी कोई जवाब नहीं दे पाए। तीनों पुलिसकर्मी सुभाष गुर्जर, अनिल जाट और लाड़ सिंह हैं। तीनों करीब डेढ़ साल से इस रैकेट के मददगार बने हुए थे। वे आपत्तिजनक वीडियो के आधार पर ग्राहकोंके घर पहुंचकर उन पर दबाव बनाते थे। पुलिस को अब तक ऐसे 8-10 लोगों को ब्लैकमेल किए जाने का पता चला है।सरकारी गवाह नहीं बनाएगी पुलिसआरती ने भले ही अपना गुनाह कबूल लिया है और श्वेता व बरखा के कई राज खोले हैं। पुलिस को लग रहा है कि वह छात्रा के बाद सरकारी गवाह बनना चाहती हैं। उसने जो अपराध किए हैं वो अक्षम्य है, इसलिए उसे सरकारी गवाह नहीं बनाएंगे। उधर, सरकारी गवाह बन चुकी छात्रा को पलासिया टीआई की शशिकांत चौरसिया की टीम भोपाल ले गई।बैंक खाते सीज करने के लिए भोपाल पहुंची पुलिसहनी ट्रैप गैंग की चारों महिला आरोपियों के बैंक खाते सीज करने के लिए भोपाल की बैंकों को पत्र लिख दिए गए हैं। अभी उनके 5 खातों की जानकारी मिली है। साथ ही एक टीम चारों महिलाओं की वैध और अवैध संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है। अफसरों का कहना है कि इन आरोपियों के द्वारा संचालित की जा रही पांच कंपनियों और कुछ एनजीओ के नामों की जानकारी भी पता चली है। उनके लिए प्रशासन को पत्र लिखकर उनका आर्थिक विवरण पता किया जाएगा।
जांच से जुड़े सूत्र बताते हैं कि हनीट्रैप में पकड़ी गई महिलाओं ने स्वीकार किया है कि उन्होंने 24 कॉलेज जाने वाली छात्राओं को जबरन नेताओं और नौकरशाहों के सामने पेश किया गया था। मोनिका यादव को इन्हीं में से एक माना जा रहा है। इधर, जांच में राजधानी के बड़े व्यापारियों के फंसे होने की बात भी कही जा रही है। साथ ही पकड़ी गई महिलाएं जल्दी ही इनके नामों का खुलनासा भी कर सकती हैं। हनीट्रैप मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सीबीआई से जांच कराने मांग की है। उन्होंने कहा कि मामला राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से जुड़ा है, इसलिए इसकी जांच सीबीआई को देनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार चाहे तो हम अगले किसी भी सत्र में इस मामले पर चर्चा करने को भी तैयार है।गाजियाबाद का फ्लैट खाली करवाया राज्य सरकार ने दिल्ली में सायबर सेल के गाजियाबाद में बने फ्लैट को खाली करवा दिया है। डीजीपी वीके सिंह ने इस मामले में एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर को तलब कर फटकार भी लगाई। साथ ही पूछा कि आखिर यह फ्लैट किसकी अनुमति से लिया गया था और इतना दूर फ्लैट लेने की वजह क्या थी? आईपीएस को नोटिस देने की भी खबर है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में आरोपी महिलाओं और युवतियों का अक्सर दिल्ली-राजस्थान जाना होता था। पुलिस को जांच में इनके दिल्ली में ठहरने और वीआईपी इंतजाम के सुराग मिले हैं। तभी यह सामने आया कि दिल्ली में सायबर सेल ने सरकारी कामकाज के नाम पर गाजियाबाद के पॉश इलाके में किराए पर फ्लैट लिया हुआ है।एक आईएएस अफसर की गतिविधि पर सरकार गंभीरसर्विलांस शुरू होने के बाद भी श्वेता स्वप्निल के घर पहुंचे एक आईएएस अफसर को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। बताया जा रहा है कि ये अधिकारी रिवेरा स्थित श्वेता के घर पर देखे गए थे। इनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना बन रही है। हालांकि यह निर्णय मुख्यमंत्री स्तर से लिया जाना है।महिलाओं के मददगार पुलिसकर्मियों पर केस दर्जजिस्मफरोशी की आड़ में हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग के कारोबार में कॉलगर्ल्स की मदद करने वाले तीन पुलिसकर्मियों पर क्राइम ब्रांच ने अड़ीबाजी का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी कॉलगर्ल के इशारे पर रईसजादों पर रकम ऐंठने का दबाव बनाते थे। पुलिस ने गुरुवार को तीनों पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। आमना सामना कराया, पुलिस कर्मियों ने नहीं दिया जवाब इस मामले में टीम ने नौ कॉल गर्ल, आठ ग्राहक और तीन दलालों को बुधवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। कुल 23 आरोपियों को पुलिस की मिनी बस से गुरुवार दोपहर अदालत पहुंचाया। इससे पहले पुलिस ने रैकेट की सरगना से तीनों पुलिसकर्मियों का आमना-सामना करवाया। सरगना ने जैसे ही करतूत उजागर करनी शुरू की, तीनों पुलिसकर्मी कोई जवाब नहीं दे पाए। तीनों पुलिसकर्मी सुभाष गुर्जर, अनिल जाट और लाड़ सिंह हैं। तीनों करीब डेढ़ साल से इस रैकेट के मददगार बने हुए थे। वे आपत्तिजनक वीडियो के आधार पर ग्राहकोंके घर पहुंचकर उन पर दबाव बनाते थे। पुलिस को अब तक ऐसे 8-10 लोगों को ब्लैकमेल किए जाने का पता चला है।सरकारी गवाह नहीं बनाएगी पुलिसआरती ने भले ही अपना गुनाह कबूल लिया है और श्वेता व बरखा के कई राज खोले हैं। पुलिस को लग रहा है कि वह छात्रा के बाद सरकारी गवाह बनना चाहती हैं। उसने जो अपराध किए हैं वो अक्षम्य है, इसलिए उसे सरकारी गवाह नहीं बनाएंगे। उधर, सरकारी गवाह बन चुकी छात्रा को पलासिया टीआई की शशिकांत चौरसिया की टीम भोपाल ले गई।बैंक खाते सीज करने के लिए भोपाल पहुंची पुलिसहनी ट्रैप गैंग की चारों महिला आरोपियों के बैंक खाते सीज करने के लिए भोपाल की बैंकों को पत्र लिख दिए गए हैं। अभी उनके 5 खातों की जानकारी मिली है। साथ ही एक टीम चारों महिलाओं की वैध और अवैध संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है। अफसरों का कहना है कि इन आरोपियों के द्वारा संचालित की जा रही पांच कंपनियों और कुछ एनजीओ के नामों की जानकारी भी पता चली है। उनके लिए प्रशासन को पत्र लिखकर उनका आर्थिक विवरण पता किया जाएगा।