News18 : May 14, 2020, 03:33 PM
काबुल। अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) के एक प्रसव वॉर्ड पर हुए आतंकवादी हमले (Terrorist Attack) में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। अफगान स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, मरने वालों में प्रसव के लिए आई मांएं, नवजात बच्चे और डिलिवरी कराने के लिए वार्ड में मौजूद नर्सें शामिल हैं। इस हमले में 16 लोग बुरी तरह जख्मी भी हो गए हैं। महिलाओं-बच्चों को निशाना बनाकर किए गए इस आतंकी हमले की संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि ऐसे लोगों (आतंकियों) को अपनी हरक़तों पर शर्म भी नहीं आती। अभी सपष्ट नहीं हुआ है कि क़ाबुल में दश्त-ए-बारची अस्पताल में हुए हमले के पीछे किसका हाथ था।
अस्पताल में हुए हमले के बाद 19 बच्चों को शहर के एक दूसरे अस्पताल में ले जाया गया है लेकिन बहुत सी मांओं को आशंका है कि उनके बच्चों की मौत हो चुकी है।आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने जो तस्वीर जारी की, उसके अनुसार अफगानिस्तान सुरक्षा बलों ने अस्पताल से कई बच्चों एवं उनकी मांओं को सुरक्षित निकाल लिया है। आंतरिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने कहा कि इमारत से 100 माताओं एवं बच्चों को निकाल लिया गया है।उप स्वास्थ्य मंत्री वाहिद मजरूह ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमले में 24 लोग मारे गए हैं और 16 अन्य लोग घायल हुए हैं। हालांकि अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान में मंगलवार को हुए अलग-अलग हमलों में कम से कम सौ लोगों की मौत हुई है। ये हमले शांति प्रयासों की लचरता ज़ाहिर करते हैं, साथ ही दशकों से हो रही हिंसा के ख़त्म होने की उम्मीद को भी धूमिल कर देते हैं।'उम्मीद ही नहीं बची'न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, एक दूसरी औरत ज़ैनब ने हमले के कुछ वक़्त पहले ही अपने बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने अपने बच्चे का नाम 'ओमिद' रखा था, जिसका दरी ज़ुबान में मतलब होता है- उम्मीद। वो सालों बाद मां बनीं थीं इसलिए उन्होंने अपने बच्चे का नाम 'ओमिद' रखा था। जिस समय हमला हुआ ज़ैनब वॉशरूम गई हुई थीं। तभी चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें आने लगीं। चार घंटे पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था, उसकी हिफ़ाज़त और फ़िक्र का सोचकर वो दौड़ते हुए आईं लेकिन चार घंटे पहले जन्मीं उनकी उम्मीद मर चुकी थी।गुतारेस ने कहा- ये लोग डरपोक हैं, बच्चों को निशाना बनाते हैं
अस्पताल में हुए हमले के बाद 19 बच्चों को शहर के एक दूसरे अस्पताल में ले जाया गया है लेकिन बहुत सी मांओं को आशंका है कि उनके बच्चों की मौत हो चुकी है।आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने जो तस्वीर जारी की, उसके अनुसार अफगानिस्तान सुरक्षा बलों ने अस्पताल से कई बच्चों एवं उनकी मांओं को सुरक्षित निकाल लिया है। आंतरिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने कहा कि इमारत से 100 माताओं एवं बच्चों को निकाल लिया गया है।उप स्वास्थ्य मंत्री वाहिद मजरूह ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमले में 24 लोग मारे गए हैं और 16 अन्य लोग घायल हुए हैं। हालांकि अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान में मंगलवार को हुए अलग-अलग हमलों में कम से कम सौ लोगों की मौत हुई है। ये हमले शांति प्रयासों की लचरता ज़ाहिर करते हैं, साथ ही दशकों से हो रही हिंसा के ख़त्म होने की उम्मीद को भी धूमिल कर देते हैं।'उम्मीद ही नहीं बची'न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, एक दूसरी औरत ज़ैनब ने हमले के कुछ वक़्त पहले ही अपने बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने अपने बच्चे का नाम 'ओमिद' रखा था, जिसका दरी ज़ुबान में मतलब होता है- उम्मीद। वो सालों बाद मां बनीं थीं इसलिए उन्होंने अपने बच्चे का नाम 'ओमिद' रखा था। जिस समय हमला हुआ ज़ैनब वॉशरूम गई हुई थीं। तभी चीखने-चिल्लाने की आवाज़ें आने लगीं। चार घंटे पहले जिस बच्चे को जन्म दिया था, उसकी हिफ़ाज़त और फ़िक्र का सोचकर वो दौड़ते हुए आईं लेकिन चार घंटे पहले जन्मीं उनकी उम्मीद मर चुकी थी।गुतारेस ने कहा- ये लोग डरपोक हैं, बच्चों को निशाना बनाते हैं
Born to see this? Time to rethink! pic.twitter.com/RK2ZYg1PvL
— Lotfullah Najafizada (@LNajafizada) May 12, 2020
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने अफगानिस्तान के एक मैटरनिटी अस्पताल पर 'भयावह' हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें दो नवजात शिशुओं सहित कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि ऐसे 'अस्वीकार्य' अपराधों को अंजाम देने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। गुतारेस ने आतंकियों को डरपोक बताया और कहा कि ऐसे लोगों को अपनी इन बयानक हरक़तों पर शर्म आनी चाहिए।संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ;महासचिव ने काबुल के एक अस्पताल पर मंगलवार को हुए भयावह हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए हैं।' गुतारेस ने मृतकों व पीड़ितों के परिवारों और अफगानिस्तान की सरकार और जनता के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। बयान में कहा गया, 'उन्होंने दोहराया कि असैन्य लोगों के खिलाफ हमले अस्वीकार्य हैं और अस्पतालों, चिकित्सा केंद्रों और स्वासथ्य कर्मियों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत विशेष सुरक्षा प्राप्त है। इस तरह के अपराधों को अंजाम देने वालों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।'Maternity ward massacre shakes Afghanistan and its peace process https://t.co/Y7tfXH8Bn7 pic.twitter.com/GxUfJrAVW9
— Reuters (@Reuters) May 13, 2020