दुनिया / 26 साल बाद झील से बाहर आया इटली का ये गांव, इसलिए दफनाया गया था पानी में

AajTak : Jun 05, 2020, 09:47 AM
इटली का एक गांव करीब 26 साल बाद झील से बाहर निकल आया है। अब इटली की सरकार उम्मीद जता रही है कि इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में इस मध्यकालीन ऐतिहासिक गांव को देखने के लिए पर्यटक जा सकेंगे। यह गांव पिछले 73 सालों से एक झील में डूबा हुआ है। कुछ लोग कहते हैं कि इस गांव में बुरी आत्माएं और भूत थे, इसलिए इसे झील बनाकर डुबो दिया गया था। आइए जानते हैं कि इस गांव के बारे में।।।

इस गांव का नाम है फैब्रिश डी कैरीन (Fabbriche di Careggine)। यह गांव 1947 से वागली झील (Lake Vagli) में दफन है। 73 साल से पानी में कैद यह गांव अब तक सिर्फ चार बार दिखाई दिया है। 1958, 1974, 1983 और 1994 में। तब लोग यहां घूमने गए थे।

अब 26 साल बाद फिर इस झील का पानी कम हो रहा है और ये गांव बाहर निकल कर आ रहा है। फैब्रिश डी कैरीन के बारे में कहा जाता है कि यह 13वीं सदी में बसाया गया था। इस गांव से लोहे का उत्पादन हुआ करता था। यहां लोहे का काम करने वाले लोहार रहते थे।

इटली के लूका प्रांत के टसकैनी शहर में स्थित इस गांव को देखने का मौका 26 साल बाद वापस आ रहा है। जब वागली झील खाली हो जाएगी। यह गांव हमेशा 34 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी में डूबा रहता है।

1947 में इस गांव के ऊपर एक डैम बना दिया गया था। कहा जाता है कि यहां बुरी आत्माएं थीं, इसलिए गांव को पानी में दफन कर दिया गया। अब डैम को चलाने वाली कंपनी इनेल ने कहा कि हम धीरे-धीरे झील के पानी को खाली कर रहे हैं। ताकि थोड़ी साफ-सफाई हो सके। अगले साल तक यह काम पूरा होगा। 

1947 में जब यहां पर हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम बनाया गया तब यहां पर रहने वाले लोगों को पास ही स्थित वागली डी सोटो कस्बे में पुर्नस्थापित किया गया था। फैब्रिश डी कैरीन गांव जब बाहर आएगा तब लोग उसमें 13वीं सदी की इमारतें देख सकेंगे। ये इमारतें पत्थरों से बनी हुई थीं।

इस गांव में आज भी चर्च, सिमेट्री और पत्थरों से बने घर दिखाई देते हैं। वागली डी सोटो के पूर्व मेयर ने बताया कि जैसे ही पानी कम होगा, लोग इसे देखने आने लगेंगे। झील के खाली होने पर तो इस गांव के अंदर घूमने के लिए लोग पहुंच जाते हैं।

इनेल कंपनी ने कहा है कि वो झील को खाली करके कुछ दिनों के लिए गांव को वापस खोलेंगे, ताकि इलाके का पर्यटन बढ़ सके। साथ ही झील की सफाई हो सके और इतने पुराने बांध की कुछ मरम्मत की जा सके।

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