Rajasthan / पायलट कैम्प के 3 विधायकों ने बंद लिफाफे में सौंपे अजय माकन को सुझाव, अटकलबाजी शुरू

News18 : Sep 11, 2020, 07:50 AM
जयपुर। सचिन पायलट कैम्प (Sachin Pilot Camp) के सीकर जिले के 3 विधायकों ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) की फीडबैक बैठक में खुलकर बोलने से परहेज किया है। इन तीनों विधायकों ने बैठक में अपने विचार रखने की बजाय बंद लिफाफे में प्रभारी को सुझाव सौंपे हैं। पूर्व स्पीकर एवं वर्तमान में श्रीमाधोपुर से विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत समेत नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी और दांतारामगढ़ से विधायक वीरेंद्र सिंह ने सीलबंद लिफाफे में अजय माकन को सुझाव दिए हैं। इनमें से शेखावत और मोदी बगावत के समय पायलट कैम्प की बाड़ेबंदी में थे।

सीकर कांग्रेस की राजनीति में इन तीनों की पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा से पटरी नहीं बैठती है। डोटासरा खुद सीकर जिले के हैं और वे लक्ष्मणगढ़ विधानसभा से विधायक हैं। लिहाजा तीनों ही सबके सामने बैठक में अपने सुझाव नहीं रखना चाहते थे। सीकर के इन तीनों विधायकों के बैठक में खुलकर बोलने की जगह बंद लिफाफे में राय देने के पीछे कई सियासी कारण बताए जा रहे हैं। वहीं इससे राजनीति एक बार फिर गरमाने लग गई है।

तीनों ही विधायकों का पीसीसी चीफ से नहीं है समन्वय

पहला कारण सीकर कांग्रेस की अंदरुनी सियासत है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से सीकर में इन तीनों ही विधायकों का कोई समन्वय नहीं है। लिहाजा ये विधायक सबके सामने अपनी बात खुलकर नहीं रखना चाहते थे। हालांकि, इस घटना ने फीडबैक कार्यक्रम के तरीके और इसकी खामियों को भी सामने ला दिया है। प्रेक्षकों के मुताबिक ये तीनों विधायक नहीं चाहते थे कि माकन को दिया जाने वाला फीडबैक डोटासरा को पता चले। डोटासरा अशोक गहलोत खेमे के हैं।

विधायक हाकम अली ने दिया यह सुझाव

सीकर जिले के फतेहपुर से कांग्रेस विधायक हाकम अली ने कहा कि कांग्रेस को गांव ढाणी में ढूंढना होगा। हमें गांव ढाणी तक जाकर पार्टी और सरकार के कामकाज का प्रचार करना होगा। हाकम अली ने कहा कि सरकार किसानों और आम उपभोक्ताओं की बिजली की बढ़ी दरें कम करें, क्योंकि हमने घोषणा पत्र में किसानों की बिजली दरें न बढ़ाने का वादा किया था।

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