राजस्थान / पात्र परिवारों के खातों में 1-1 हजार रुपए देने के लिए सरकार ने जारी किए 310 करोड़

Dainik Bhaskar : Mar 26, 2020, 11:09 AM
जयपुर | सीएम अशोक गहलोत के ऐलान के बाद बुधवार को लाॅकडाउन के दौरान रोजी-रोटी से वंचित गरीब तबके के लोगों को एक-एक हजार रुपये देने के लिए 310 करोड़ रुपये की राशि सरकार ने जारी कर दी है। लोगों के हाथ में नकदी पहुंचने से वे अब अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा कर सकेंगे। जिन परिवारों को एक बारीय सहायता के तौर पर यह राशि दी जा रही है उनमें बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अन्त्योदय योजना के अन्तर्गत आने वाले ऐसे परिवार शामिल हैं जिनमें किसी भी सदस्य को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। 

जो पेंशन में कवर नहीं, उन्हें अनुग्रह राशि

इसके अलावा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों, स्ट्रीट वेन्डर्स, अन्य श्रमिक, रिक्शा चालक एवं निराश्रित व असहाय ज़रूरतमंद परिवारों जो कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में कवर नहीं हो रहे हैं उन्हें यह अनुग्रह राशि दी जाएगी। यदि किसी असहाय या निराश्रित परिवार का बैंक अकांउट नहीं होगा तो ऐसी स्थिति में उन्हें जिला कलेक्टर द्वारा नकद भुगतान किया जा सकेगा। 

कलेक्टर्स को अतिरिक्त राशि जारी

राज्य सरकार ने कलेक्टर्स को अतिरिक्त राशि जारी की है। जयपुर कलेक्टर को एक करोड़ , अन्य संभागीय मुख्यालयों के कलेक्टरों को 75-75 लाख रूपये जबकि शेष जिलों को 50-50 लाख रूपये की राशि जारी की गई है।  पात्र परिवारों का चयन जन आधार डाटा बेस के आधार पर किया गया है।

सप्लाई चेन किसी भी सूरत में बाधित न हो 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन का निर्णय सरकार ने प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा के लिए किया है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसी गरीब को भूखा नहीं सोने देगी। प्रत्येक परिवार अपने साथ-साथ दो गरीबों के लिए भी भोजन की व्यवस्था करे। एक-दूसरे की मदद करके ही हम कोरोना की इस चुनौती का मुकाबला कर पाएंगे। गहलोत बुधवार शाम को कोर ग्रुप तथा वार रूम के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

गुजरात बॉर्डर से आने वालों को स्क्रीनिंग के बाद ही आने दें

गुजरात बॉर्डर से बड़ी संख्या में लोग प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आ रहे हैं। ऐसे में स्क्रीनिंग के बाद ही ऐसे लोगों को गंतव्य तक जाने दिया जाए। इन लोगों के आइसोलेशन की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मंडियों में जारी रहे अनाज की खरीद-फरोख्त

गहलोत ने कहा कि मंडियों में अनाज की खरीद-फरोख्त पर कोई रोक नहीं है। सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद एवं पंजीकरण को स्थगित किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करते हुए मंडियों में कृषि जिंसों के खरीद-बेचान को जारी रहे। सीएम ने कहा कि इंसान के साथ-साथ मूक पशुओं की जान की भी हमें परवाह करनी है। लॉकडाउन के कारण मूक पशु-पक्षियों को दाना एवं चारा-पानी नहीं मिल पा रहा है। शु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था हमारी संस्कृति का अंग है। ऐसे में स्वयंसेवी एवं धार्मिक संस्थाओं तथा उदारमना लोग आगे आकर इन मूक पशु-पक्षियों के दाना-पानी की जिम्मेदारी उठाएं।

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