AajTak : Sep 21, 2020, 02:34 PM
Corona Crisis: कोरोना वायरस की महामारी ने सऊदी अरब में 450 भारतीय कामगारों को सड़कों पर भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से आए आर्थिक संकट में कई भारतीय कामगारों की नौकरियां चली गई हैं और वर्क परमिट के एक्सपायर होने से वे वहां फंसे हुए हैं।इन कामगारों में से अधिकतर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र से हैं। नौकरी छिन जाने की वजह से भारतीय कामगारों को भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कामगार कहते हैं कि उनका अपराध सिर्फ यही है कि उन्होंने भीख मांगी। सऊदी प्रशासन ने उनके किराए के कमरे पर जाकर उनकी पहचान मालूम की और जेद्दाह स्थित डिटेंशन सेंटर में डाल दिया।डिटेंशन सेंटर के कामगारों में से उत्तर प्रदेश से 39, बिहार से 10, तेलंगाना से पांच और महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक से चार लोग हैं। एक शख्स आंध्र प्रदेश से है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है और यहां काम कर रहे विदेशी कामगार बेरोजगार हो गए हैं।कई कामगारों ने बताया कि वे हर तरफ से नाउम्मीद हो चुके हैं। एक भारतीय कामगार ने कहा, हमने कोई भी अपराध नहीं किया है। हम अपने हालात की वजह से भीख मांगने पर मजबूर हुए क्योंकि हमारी नौकरियां चली गईं। अब हम डिटेंशन सेंटर में पड़े हुए हैं। एक अन्य कामगार ने कहा, हम लोग पिछले चार महीनों से बहुत कठिनाईयों का सामना कर रहे थे। हमने देखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया और श्रीलंका के कामगारों को उनके देश से मदद मिल रही है और उन्हें वापस भेजा रहा है जबकि हम यहां पर फंसे हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और एमबीटी नेता अमजद उल्लाह खान ने कहा, स्थानीय प्रशासन ने जांच में पाया कि इन कामगारों का वर्क परमिट एक्सपायर हो चुका है और वे अवैध रूप से रुके हुए हैं तो उन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया।वायरल हुए वीडियो में एक वर्कर कहता है, मेरा भाई गुजर चुका है और मेरी मां की हालत गंभीर है। मैं भारत वापस जाना चाहता हूं। अमजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस। जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और सऊदी अरब में भारतीय राजदूत आसुफ सैय्यद को 450 भारतीय मजदूरों की हालत को लेकर एक पत्र लिखा है और केंद्र सरकार से उन्हें भारत लाने में मदद की अपील की है।विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र ने अमजद उल्ला खान के ट्वीट पर जवाब दिया है और उनसे सभी प्रवासियों की जानकारी मांगी है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2।4 लाख भारतीयों ने भारत लौटने के लिए रजिस्टर किया था। हालांकि, अभी तक सिर्फ 40,000 भारतीय ही वापस आ पाए हैं।