देश / एक दिन में कोरोना वायरस के 601 नए केस, चेहरा ढंंक कर निकलने की एडवाइजरी जारी

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार ने चेहरा ढक कर निकलने की एडवाइजरी जारी की है। बाहर निकलते वक्‍त चेहरे को कपड़े से ढकने की सलाह दी गई है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के एक दिन में 601 नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्‍या 2902 हो गई है जबकि इनमें से 30 फीसदी मामले तबलीगी जमात से जुड़े हैं। 68 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।

News18 : Apr 04, 2020, 05:46 PM
नई दिल्‍ली। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल (Union Health Ministry Joint Secretary Lav Aggrawal) ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार ने चेहरा ढक कर निकलने की एडवाइजरी जारी की है। बाहर निकलते वक्‍त चेहरे को कपड़े से ढकने की सलाह दी गई है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना (CoronaVirus) के एक दिन में 601 नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्‍या 2902 हो गई है जबकि इनमें से 30 फीसदी मामले तबलीगी जमात से जुड़े हैं। 68 लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।

सरकार के निर्देशों का पालन करें: लव अग्रवाल

लव अग्रवाल ने कहा कि हमारी डेथ रिपोर्ट हैं उनमें ज्‍यादातर उम्र या फिर कई अन्‍य बीमारियां मौत ही वजह रही हैं। इसलिए सरकार की ओर से जारी किए गए दिर्नेशों का पालन करें। उन्‍होंने WHO की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक दिन में 4 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं।

अगर थोड़ा भी चूक गए तो हालात बिगड़ जाएंगे: लव अग्रवाल

उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने में सरकार के कदम सफल साबित हो रहे हैं। अगर अब थोड़ी भी चूक हुई तो हालात बिगड़ सकते हैं। देश के 17 राज्‍यों में तबलीगी जमात से संबंधित लोगों में से 1023 में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है। कुल मामलों का लगभग 30 प्रतिशत जमात से संबंधित है।

लव अग्रवाल ने कहा क‍ि देश में कोरोना के कुल मामलों में से 9 फीसदी केस 0-20 वर्ष की आयु के लोगों में हैं। 42 प्रतिशत केस 21-40 वर्ष की आयु के हैं। 33 प्रतिशत मामले 41-60 वर्ष की आयु के रोगियों के हैं और 17 प्रतिशत रोगी 60 वर्ष की आयु के ऊपर के हैं।

सरकार ने परामर्श जारी कर लोगों से 'घर पर बना मास्क' लगाने को कहा

भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आने के साथ ही केंद्र सरकार ने शनिवार को एक परामर्श जारी कर कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिये लोगों से 'घर पर बना मास्क' लगाने को कहा है खास तौर पर तब जब वे घरों से बाहर निकलें। 'चेहरे और मुंह के बचाव के लिये घर में बने सुरक्षा कवर के इस्तेमाल पर परामर्श' में सरकार ने कहा कि ऐसे मास्क के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर समुदाय का बचाव होगा और कई देशों ने घर में बने मास्क के आम लोगों के लिये फायदेमंद होने का दावा किया है।

भारत सरकार ने अपने परामर्श में रेखांकित किया कि घर में बने मास्क निश्चित रूप से सफाई में मददगार हैं लेकिन इसके साथ ही चेताया भी कि 'घर में बनाए गए मास्क की अनुशंसा स्वास्थ्य कर्मियों अथवा कोविड-19 के मरीजों का इलाज या उनके संपर्क में रह रहे लोगों के लिए नहीं है। इन मास्क का इस्तेमाल मरीजों को भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इन श्रेणी के लोगों को खास तौर पर बचाव के लिये तैयार मास्क पहनने की जरूरत होती है।'

इसमें कहा गया, 'यह सुझाव दिया जाता है कि जो लोग किसी स्वास्थ्य विकार से ग्रस्त नहीं हैं या जिन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं है वे घर में बने फिर से इस्तेमाल हो सकने वाले मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं खास तौर पर तब जब वे अपने घरों से बाहर निकल रहे हों। इससे समुदाय के बचाव में मदद मिल सकेगी।'