दुनिया / फरार कैदी का दावा- उत्तर कोरिया में कैदियों के शव की खाद पर हो रही खेती

AajTak : Mar 31, 2020, 03:48 PM
उत्तरी कोरिया से एक सनसनीखेज खबर आई है। दिल को दहला देने वाली। उत्तर कोरिया की एक पूर्व कैदी ने दावा किया है कि उत्तरी कोरिया में राजनीतिक कैदियों के शवों से खाद बनाकर उनसे सेना के जवानों के लिए फसलें उगाई जा रही हैं।

डेली मेल की खबर के अनुसार उत्तरी कोरिया के केचियॉन कैंप में बंद एक पूर्व महिला कैदी किम इल सून ने बताया कि केचियॉन कैंप एक कंसेंट्रेशन कैंप है। ये कैंप उत्तरी कोरिया की राजधानी प्योंगयांग से उत्तर में स्थित है। यहां कैदियों को जो यातनाएं दी जाती हैं, वैसी कहीं नहीं दी जाती होंगी। 

किम इल सून ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में फसले उग नहीं रही थी, तब किसी ने सलाह दी कि मारे गए कैदियों के शवों से खाद बनाकर डालने पर फसलें अच्छी होंगी। इसके बाद से यह परंपरा चालू हो गई। फसलें अच्छी होने लगी तो कैदियों को मारकर उनके शवों के खाद बनाए जाने लगे। 

इस कैदी का बयान तब आया है जब उत्तरी कोरिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर तरफ से अलग-थलग पड़ा हुआ है। पूरी दुनिया उत्तरी कोरिया के मिसाइल परीक्षणों से नाराज है। क्योंकि उत्तरी कोरिया ने पिछले एक महीने में चार परीक्षण किए हैं। 

किम इल सून ने बताया कि अब केचियॉन कैंप के आसपास की जमीन बेहद उपजाऊ हो चुकी है। क्योंकि खेतों में शवों को खाद बनाकर डाला गया है। ये शव प्राकृतिक खाद का काम कर रहे हैं।

किम इल सून ने बताया कि उत्तरी कोरिया के सैनिकों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जा रही है कि कितनी दूरी पर और किस तरीके शवों को दफनाना है। इससे शव खाद बन सकें और फसलों को फायदा मिले। किम इल सून ने अपनी यह कहानी मानवाधिकार समिति (HRNK) को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में बताई। किम इल सून केचियॉन कैंप ने किसी तरह भागी थी। HRNK के कार्यकारी निदेशक ग्रेग स्कारलेटिउ ने कहा कि कोरोना के दौर में भी किम जोंग उन के अपराध कम नहीं हो रहे हैं। (फोटोः रॉयटर्स)

ग्रेग स्कारलेटिउ ने कहा कि तानाशाह किम जोंग उन उत्तरी कोरिया के लोगों के साथ क्रूरता की हदें पार करते जा रहे हैं। ये तानाशाह अपने राजनीतिक कैदियों के शवों का अंतिम संस्कार करने के बजाय उनकी खाद बना रहे हैं। ये बेहद निंदनीय है।

केचियॉन कैंप राजधानी प्योंगयांग से करीब 80 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित है। यहां पर करीब 6000 कैदी हैं। कहा जाता है कि यहां पर छोटे-मोटे अपराधों के लिए कैदियों को भेजा जाता है लेकिन यहां हो रही क्रूरता के बारे में दहला देने वाले दावे किए जाते हैं।

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