USA / ट्रंप पर आरोप, प्लाज्मा थेरेपी के लिए बुलवाया झूठ, अब वैक्सीन के लिए दबाव

News18 : Sep 15, 2020, 08:57 AM
न्यूयॉर्क। अमेरिकी (US) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर आरोप लगा है कि उन्होंने न सिर्फ चुनावों के मद्देनज़र ब्लड प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) को लेकर भ्रामक बातें कहीं बल्कि बिना ट्रायल पूरे हुए वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए क्क़फी दबाव बनाया। आरोपों के मुताबिक ट्रंप ने इसके लिए खुद एनआईएच के डायरेक्टर डॉ। फ्रांसिस कॉलिन्स को फोन किया और इसे रिपब्लिकन कन्वेंशन से पहले पूरा करने का दबाव बनाया था।

NYT की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप को डर था कि वे कैसे ये साबित कर पाएंगे कि उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ी है और महत्वपूर्ण कदम उठाए है। इसी के चलते उन्होंने दबाव बनाकर ब्लड प्लाज्मा से इलाज को मंजूरी दिलाई और वैक्सीन के लिए भी दबाव बनाया। रिपोर्ट के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी को मिलने वाली मंजूरी दो हफ्ते से भी ज्यादा से अटकी हुई थी क्योंकि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) को इसे लेकर कई तरह के शक थे। आरोप है कि ट्रंप ने एनआईएच के डायरेक्टर डॉ। फ्रांसिस कॉलिन्स को कॉल कर कहा था कि इसे दो दिन में मंजूरी दें।

बिना मंजूरी मिले ही किया ऐलान

आरोप है कि ट्रंप ने बीती 19 अगस्त को फोन किया था लेकिन इसके बावजूद भी फूड एंड एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के रेगुलेटर एनआईएच की शंकाओं को दूर करने के लिए अंतिम समय में किया जाने वाला डेटा रिव्यू पूरा नहीं कर सके थे। हालांकि राष्ट्रपति नहीं रुके और कन्वेंशन के मौके पर उन्होंने एफडीए से प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी मिलने का ऐलान कर दिया। ट्रंप ने दावा किया था कि इससे मौतें 35% तक कम हो जाएंगी। आरोप है कि चुनाव में फायदे के लिए ट्रंप लगातार सरकारी हेल्थ एजेंसियों पर दबाव बनाए हुए हैं।

वैक्सीन के लिए भी बनाया दबाव!

रिपोर्ट के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी दिलाकर व्हाइट हाउस दिखाना चाहता था कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उसने अहम सफलता हासिल कर ली है। अब इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि ट्रंप प्रशासन चुनाव से पहले वैक्सीन लाने के लिए भी लगातार इसी तरह का दबाव बनाए हुए है। डॉ। कॉलिन्स और डॉ। पीटर मार्क्स के मुताबिक व्हाइट हाउस के अफसरों ने प्लाज्मा से असरकारी इलाज होने की बात को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया था। हालांकि एफडीए कमिश्नर डॉ। स्टीफन हैन ने कहा है कि बाहरी एक्सपर्ट की एडवाइजरी कमेटी के जरिए वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी। इससे यह प्रक्रिया पहले से ज्यादा कड़ी हो जाएगी। वैक्सीन का इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के स्टैंडर्ड्स के लिए नई गाइडलाइंस भी लाई जा सकती है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER