Zee News : Apr 17, 2020, 03:56 PM
नई दिल्ली: कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी दुनिया भर के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है, जिससे लड़ने के लिए आवश्यक वैक्सीन भी अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। ऐसे में दुनियाभर के कलाकार सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसे कठिन समय में दर्शकों का मनोरंजन करने की कोशिश कर रहे हैं। महामारी के कारण लॉकडाउन हो चुकी सिंगर नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) इस समय अपने परिवार के साथ ऋषिकेश में समय बिता रही हैं। कोरोना संक्रमण की खबरें और अफवाह उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रही हैं।
कोरोना काल के परेशानी भरे समय में नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) को सबसे ज्यादा चिंता फेक फॉरवर्ड मैसेजेस की है, जो लोगों को खतरनाक रूप से गुमराह कर रहा है। नेहा कहती है कि, मेरे मां-बाप सीनियर सिटीजन हैं। जब वे अफवाहें सुनते हैं, तो घबरा जाते हैं। जो कुछ भी फॉरवर्ड मैसेज हमें व्हाट्सएप पर मिलता है वह हमेशा सच नहीं होता है।
एक तरफ वो इस बात से सहमत हैं कि उन्हें बाहर के खाने की याद आती है। वही दुसरे तरफ वह कहती हैं, ''इंडस्ट्री बंद हो रही हैं, जिससे दुनिया भर में वायु प्रदूषण में कमी आई है। जल निकाय स्वच्छ हो गए हैं। मुझे उम्मीद है कि महामारी खत्म होने के बाद, हम पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हो जाएंगे।"
नेहा कहना है कि यह सच है, लॉकडाउन (Lock down) लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर कर रहा है पर अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो वो जरूर कर सकता है। ये सब हमारे दिमाग में होता है। यदि आप घबराते हैं, तो आप क्लस्ट्रोफोबिक महसूस करेंगे। नेहा ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि, 'नई चीजें सीखें और अच्छी नींद लें। यह कलाकारों के लिए क्रिएटिव कॉन्टेन्ट के साथ आने का एक अच्छा समय है।'
कोरोना काल के परेशानी भरे समय में नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar) को सबसे ज्यादा चिंता फेक फॉरवर्ड मैसेजेस की है, जो लोगों को खतरनाक रूप से गुमराह कर रहा है। नेहा कहती है कि, मेरे मां-बाप सीनियर सिटीजन हैं। जब वे अफवाहें सुनते हैं, तो घबरा जाते हैं। जो कुछ भी फॉरवर्ड मैसेज हमें व्हाट्सएप पर मिलता है वह हमेशा सच नहीं होता है।
एक तरफ वो इस बात से सहमत हैं कि उन्हें बाहर के खाने की याद आती है। वही दुसरे तरफ वह कहती हैं, ''इंडस्ट्री बंद हो रही हैं, जिससे दुनिया भर में वायु प्रदूषण में कमी आई है। जल निकाय स्वच्छ हो गए हैं। मुझे उम्मीद है कि महामारी खत्म होने के बाद, हम पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हो जाएंगे।"
नेहा कहना है कि यह सच है, लॉकडाउन (Lock down) लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर कर रहा है पर अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो वो जरूर कर सकता है। ये सब हमारे दिमाग में होता है। यदि आप घबराते हैं, तो आप क्लस्ट्रोफोबिक महसूस करेंगे। नेहा ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि, 'नई चीजें सीखें और अच्छी नींद लें। यह कलाकारों के लिए क्रिएटिव कॉन्टेन्ट के साथ आने का एक अच्छा समय है।'