खोज / आखिर मच्छरों को क्यों नहीं होता मलेरिया? वैज्ञानिकों ने खोजी वजह

AajTak : May 07, 2020, 04:11 PM
दिल्ली: पूरी दुनिया जानती है कि मच्छरों के काटने से मलेरिया फैलता है। लेकिन मच्छरों को मलेरिया क्यों नहीं होता? क्या वजह है कि वो इतने लोगों को भयानक बीमारी देने के बाद भी सुरक्षित रहते हैं। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे का कारण खोज लिया है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सूक्ष्मजीव यानी माइक्रोब खोजा है जिसकी वजह से मच्छरों को मलेरिया नहीं होता। लेकिन वो इंसानों को इससे बीमार कर सकते हैं।

अमेरिका की ग्लासगो यूनिवर्सिटी और कीनिया के इंटरनेशनल सेंटर ऑफ इंसेक्ट फिजियोलॉजी एंड ईकोलॉजी के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस माइक्रोब की खोज की है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह माइक्रोब मच्छरों के जनन अंगों में रहता है। यही मच्छरों को मलेरिया से बचाता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि इस माइक्रोब का नाम है माइक्रोस्पोरिडिया एमबी (Microsporidia MB)। यह माइक्रोब मच्छर की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता को इतना मजबूत कर देता है कि वह मलेरिया के पैरासाइट को हरा देता है। यह एक प्रकार का फंगस है जो मच्छरों के शरीर में रहता है।

इस रिसर्च को करने वाले वैज्ञानिकों की टीम के लीडर डॉ। जेरेमी हेरेन ने खुलासा किया कि माइक्रोस्पोरिडिया माइक्रोब मच्छरों के शरीर में मलेरिया के प्लाज्मोडियम को फैलने से पूरी तरह से रोक देता है। इसलिए मच्छर को कभी मलेरिया नहीं होता।

डॉ। जेरेमी हेरेन उम्मीद जताते हैं कि भविष्य में माइक्रोब माइक्रोस्पोरिडिया की वजह से हम इंसानों में भी ऐसी प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने का प्रयास कर सकते हैं ताकि इंसानों को कभी मलेरिया न हो। यह माइक्रोब मच्छरों में पूरे जीवन तक रहता है। इसीलिए वे मलेरिया से बचे रहते हैं।

डॉ। जेरेमी हेरेन ने बताया कि मच्छर किसी भी देश, भूभाग या भौगोलिक परिस्थितियों में क्यों न हों, उनमें ये माइक्रोब होता ही है। डॉ। जेरेमी और उनके वैज्ञानिकों की मच्छरों पर किए गए इस शोध की रिपोर्ट साइंस मैगजीन नेचर में प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिक ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिरकार ये माइक्रोब मच्छरों में इतने दिनों तक कैसे रहते हैं। क्या ये इंसानों को भी मलेरिया से बचा सकते हैं।

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