AajTak : Apr 21, 2020, 05:22 PM
कोरोना वायरस से अगर कोई देश सबसे ज्यादा परेशान है तो वह है अमेरिका। यहां अब तक 7।87 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस कोविड-19 से बीमार हो चुके हैं। जबकि, 42 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन, जून तक कोरोना वायरस की कोई रोकथाम नहीं हुई तो इससे ज्यादा भयावह स्थिति बन सकती है। क्योंकि, जून से अमेरिका के ऊपर नई मुसीबत मंडराने वाली है। ये मुसीबत कुदरत की होगी।
यूएस नेशनल ओशिएनोग्राफिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (USNOAA) और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के हाइड्रोलॉजिक एंड एटमॉस्फियरिक साइंसेज ने भविष्यवाणी की है कि इस बार अमेरिका में भारी मात्रा में तूफान और साइक्लोन आने की आशंका है। ऐसी ही भविष्यवाणी अटलांटा की एक निजी मौसम कंपनी द वेदर चैनल ने भी की है। द वेदर चैनल के अनुसार इस साल 1 जून से लेकर 30 नवंबर के बीच 18 तूफान आएंगे। इनमें से 9 हरिकेन होंगे। वहीं, USNOAA के मुताबिक इस साल इन छह महीनों में 12 तूफान आएंगे, जिनमें से 6 हरिकेन होंगे। निजी कंपनी ने बताया है कि चार हरिकेन भयानक स्तर के होंगे। ये कैटेगरी तीन से ऊपर के हो सकते हैं। मतलब ये कि जब ये हरिकेन आएंगे तब हवा की रफ्तार 178 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार या उससे कहीं ज्यादा हो सकती है। कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी भयानक तूफान और हरिकेन आने की आशंका जताई है। सभी ने इस सीजन के इतने भयावह होने के पीछे हाई-सी सरफेस टेंपरेचर को कारण बताया है। अटलांटिक महासागर का पानी गर्म होकर हवा के साथ नमी बनाएगा। यही तूफानों को हवा देगा। अटलांटिक महासागर की गर्मी की वजह से हरिकेन और तूफानों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है। वैज्ञानिकों ने पिछले 30 सालों का अध्ययन करके यह नतीजा निकाला है।
यूएस नेशनल ओशिएनोग्राफिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (USNOAA) और यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के हाइड्रोलॉजिक एंड एटमॉस्फियरिक साइंसेज ने भविष्यवाणी की है कि इस बार अमेरिका में भारी मात्रा में तूफान और साइक्लोन आने की आशंका है। ऐसी ही भविष्यवाणी अटलांटा की एक निजी मौसम कंपनी द वेदर चैनल ने भी की है। द वेदर चैनल के अनुसार इस साल 1 जून से लेकर 30 नवंबर के बीच 18 तूफान आएंगे। इनमें से 9 हरिकेन होंगे। वहीं, USNOAA के मुताबिक इस साल इन छह महीनों में 12 तूफान आएंगे, जिनमें से 6 हरिकेन होंगे। निजी कंपनी ने बताया है कि चार हरिकेन भयानक स्तर के होंगे। ये कैटेगरी तीन से ऊपर के हो सकते हैं। मतलब ये कि जब ये हरिकेन आएंगे तब हवा की रफ्तार 178 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार या उससे कहीं ज्यादा हो सकती है। कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी ने भी भयानक तूफान और हरिकेन आने की आशंका जताई है। सभी ने इस सीजन के इतने भयावह होने के पीछे हाई-सी सरफेस टेंपरेचर को कारण बताया है। अटलांटिक महासागर का पानी गर्म होकर हवा के साथ नमी बनाएगा। यही तूफानों को हवा देगा। अटलांटिक महासागर की गर्मी की वजह से हरिकेन और तूफानों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है। वैज्ञानिकों ने पिछले 30 सालों का अध्ययन करके यह नतीजा निकाला है।
एरिजोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि 1993 के बाद इस बार अटलांटिक महासागर में गर्मी ज्यादा है। जून आते-आते इसका भयावह असर होगा। जितनी ज्यादा गर्मी महासागर में बढ़ेगी, अमेरिका के ऊपर उतना ही खतरा बढ़ जाएगा। एरिजोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं काइल डेविस और जुबिन जेंग ने कहा कि यह अभी अप्रैल की भविष्यवाणी है। जून के शुरूआत में हम एक और भविष्यवाणी जारी करेंगे। हमने 1993 से लेकर पिछले साल तक का डेटा खंगाला है। काइल डेविस ने कहा कि हमने देखा कि जिस साल महासागर में गर्मी बढ़ी है। उस साल अमेरिका में तूफानों और हरिकेन की संख्या और भयावहता भी बढ़ी है।यहां पढ़ें एरिजोना यूनिवर्सिटी की रिपोर्टकाइल ने कहा कि हमारी गणना के अनुसार इस बार अटलांटिक महासागर की गर्मी की वजह से 10 हरिकेन आएंगे, जिनमें से 5 बेहद गंभीर स्तर के होंगे। 19 समुद्री तूफान आएंगे। और 163 बार तेज बारिश और आंधी की संभावना है।Oh. Great. https://t.co/fchHtqu5os
— Science News (@ScienceNews) April 16, 2020