दुनिया / इजरायल-UAE डील के बाद पहली बार बोला सऊदी अरब, फिलीस्तीनियों से करो दोस्ती, बन जाएगी हर बात

Zee News : Aug 21, 2020, 07:43 AM
बर्लिन: इजरायल (Israel) और सऊदी अरब अमीरात (Saudi Arab Emirates) के बीच राजनयिक रिश्तों की शुरुआत के बाद पहली बार सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने अपनी बात रखी है। सऊदी अरब ने साफ कहा है कि उसका इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को बनाने का या फिर इजराइल के साथ किसी रिश्ते को स्थापित करने का कोई प्लान नहीं है। वह यूएई जैसा कोई समझौता इजरायल के साथ नहीं करेगा। सऊदी अरब ने कहा कि इसराइल के साथ कोई रिश्ता तभी संभव होगा जब फिलीस्तीनियों (Palestinian peoples) के साथ इजरायल शांति समझौता करे।

सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहाद (Prince Faisal Bin Farhaad) ने बर्लिन में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समझौते (International Accord) के तहत पहले फिलिस्तीनी लोगों के साथ शांति स्थापित हो, उसके बाद ही इजराइल से कोई बातचीत संभव हो सकती है। और जब ऐसा होगा, तब सब कुछ कुछ संभव हो जाएगा। 

बता दें कि पिछले सप्ताह यूएई (UAE) और इजरायल के बीच खास डील के साथ राजनयिक संबंधों की शुरुआत हुई थी। यह किसी अरब देश और इजरायल के बीच तीसरा समझौता है। इससे पहले मिस्र और जॉर्डन के इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बन चुके हैं। यूएई और इजरायल के बीच इस डील के बाद माना जा रहा है कि पश्चिम समर्थक कुछ और अरब देश भी इजरायल के साथ ऐसे समझौते कर सकते हैं।

यूएई-इजरायल के बीच इस डील के बाद से सऊदी अरब ने खामोशी भरा रुख अख्तियार किया था। कुछ स्थानीय अधिकारियों ने इस बात के संकेत दिए थे कि सऊदी अरब अरब ऐसी कोई भी डील नहीं करेगा, भले ही उस पर अमेरिका कोई दबाव क्यों ना डाले।

जर्मनी में अपने समकक्ष हेईको मास के साथ एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने वाले प्रिंस फैजल ने इजरायल को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने वेस्ट बैंक में इजरायली हस्तक्षेप को गलत बताया और इसे अंतर्राष्ट्रीय समझौते के तहत लागू द्विराष्ट्रीय सिद्धांत के समझौतों और नियमों के खिलाफ करार दिया। 

इसराइल यूएई समझौते के मुताबिक इजरायल वेस्ट बैंक (West Bank) के इलाकों में अपने कब्जे की नीति को रोक देगा। हालांकि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने कहा कि इसराइल का यह प्लान प्लान प्लान का यह प्लान प्लान प्लान कुछ समय के लिए रुका है हमेशा के लिए नहीं।

इजरायल और यूएई के बीच इस यूएई के बीच के बीच इस समझौते का फिलीस्तीनी लोगों ने तीखा विरोध किया है और इसे धोखा देने वाला कदम करार दिया है।

गौरतलब है कि सऊदी अरब ने साल 2002 में अरब शांति समझौते (Arab Peace Plan 2002) की पेशकश की थी जिसके तहत इजराइल के साथ अरब देशों के संबंध बहाल होते। लेकिन इजरायल लेबनान युद्ध की शुरुआत होते ही सब कुछ थम थम कुछ थम होते ही सब कुछ थम थम कुछ थम गया। उसके बाद से ही सऊदी अरब इजरायल के साथ किसी भी समझौते पर आगे बढ़ता नहीं दिख रहा है। हालांकि दोनों देशों में पिछले काफी समय से ईरान के खिलाफ अनौपचारिक सहयोग बढ़ा है। 


 

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