News18 : Jul 28, 2020, 07:01 AM
नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने एक 28 वर्षीय व्यक्ति के पेट से ऑपरेशन कर 20 सेंटीमीटर लंबा चाकू (20-cm long kitchen knife) बाहर निकाला है। हरियाणा के रहने वाले इस व्यक्ति को बीती 12 जुलाई को सफदरजंग अस्तपाल से एम्स के लिए रेफर किया गया था। गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट (Department Of Gastroenterology) के डॉ। एन।आर। दास के मुताबिक ये व्यक्ति पहले ड्रग्स और नशीली दवाएं लेता रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ड्रग्स न मिलने की स्थिति में उस व्यक्ति ने करीब डेढ़ महीने पहले फोल्ड होने वाला चाकू निगल लिया था।
चाकू निगलने के एक महीने बाद हुआ दर्दडॉक्टरों का कहना है कि वह व्यक्ति चाकू निगलने के बाद भी सामान्य जिंदगी जी रहा था। उसका परिवार इस बात से अंजान था। तकरीबन एक महीने बाद अचानक उसे पेट में दर्द शुरू हो गया। परिवार जब उसे जांच के लिए डॉक्टर के पास लेकर पहुंचा तो पेट में चाकू होने की बात सुनकर सब भौचक्के रह गए। डॉ। एनआर दास का कहना है कि यह सर्जरी बेहद चुनौतीपूर्ण थी। एक्सरे रिपोर्ट में सामने आया था कि चाकू बिल्कुल लीवर के नजदीक है। हमें ऑपरेशन कर चाकू पेट से निकालने में करीब 3 घंटे का समय लगा।
बहुत चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशनडॉ। दास ने बताया कि एक छोटी सी चूक भी बड़ा खतरा साबित हो सकती थी। इसी वजह से हमने पूरे ऑपरेशन को प्लान किया। सबसे पहले एक रेडियोलॉजिस्ट ने उस व्यक्ति के फेफड़े और लीवर के पास मौजूद मवाद की सफाई की। ऐसा इसलिए किया गया जिससे इन्फेक्शन और ज्यादा न फैलने पाए। फिर हमने उसे मनोचिकित्सक के पास भेजा जिससे उसे इस कठिन सर्जरी के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जा सके।
अब भी डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन मेंये सर्जरी 19 जुलाई को की गई थी। इसके बाद भी मरीज को डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। साथ ही उसे मनोचिकित्सकीय इलाज भी दिया जा रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक किसी इतनी बड़ी चीज को निगल लेने के बेदह कम मामले अब तक सामने आए हैं।
चाकू निगलने के एक महीने बाद हुआ दर्दडॉक्टरों का कहना है कि वह व्यक्ति चाकू निगलने के बाद भी सामान्य जिंदगी जी रहा था। उसका परिवार इस बात से अंजान था। तकरीबन एक महीने बाद अचानक उसे पेट में दर्द शुरू हो गया। परिवार जब उसे जांच के लिए डॉक्टर के पास लेकर पहुंचा तो पेट में चाकू होने की बात सुनकर सब भौचक्के रह गए। डॉ। एनआर दास का कहना है कि यह सर्जरी बेहद चुनौतीपूर्ण थी। एक्सरे रिपोर्ट में सामने आया था कि चाकू बिल्कुल लीवर के नजदीक है। हमें ऑपरेशन कर चाकू पेट से निकालने में करीब 3 घंटे का समय लगा।
बहुत चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशनडॉ। दास ने बताया कि एक छोटी सी चूक भी बड़ा खतरा साबित हो सकती थी। इसी वजह से हमने पूरे ऑपरेशन को प्लान किया। सबसे पहले एक रेडियोलॉजिस्ट ने उस व्यक्ति के फेफड़े और लीवर के पास मौजूद मवाद की सफाई की। ऐसा इसलिए किया गया जिससे इन्फेक्शन और ज्यादा न फैलने पाए। फिर हमने उसे मनोचिकित्सक के पास भेजा जिससे उसे इस कठिन सर्जरी के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जा सके।
अब भी डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन मेंये सर्जरी 19 जुलाई को की गई थी। इसके बाद भी मरीज को डॉक्टरों के ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। साथ ही उसे मनोचिकित्सकीय इलाज भी दिया जा रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक किसी इतनी बड़ी चीज को निगल लेने के बेदह कम मामले अब तक सामने आए हैं।