Zoom News : Jan 03, 2023, 01:50 PM
Bill from Year 1987 Goes Viral: बीते दिनों को याद करते हैं तो यह जरूर सोचते होंगे कि आखिर उस वक्त खाने-पीने की चीजों की कितनी कीमत रहती होगी. चलिए हम आपको 36 साल पहले ले चलते हैं, जब गेहूं की कीमत केवल 1.6 रुपये प्रति किलो हुआ करती थी. भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीण कासवान (IAF Officer Parveen Kaswan) ने 1987 के एक बिल की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है. भारतीय खाद्य निगम को बेचे गए गेहूं की उपज के पुराने बिल ने इंटरनेट यूजर्स को हैरानी में डाल दिया. 'जे फॉर्म' की बिक्री रसीद को आईएएफ ऑफिसर ने शेयर किया, जिसे उनके किसान दादाजी ने मंडी में बेचा था. आईएएफ अधिकारी ने ट्वीट कर लिखी ये बातआईएएफ अधिकारी प्रवीण कासवान ने ट्वीट किया, 'जब गेहूं 1.6 रुपये प्रति किलो हुआ करता था. मेरे दादाजी ने 1987 में भारतीय खाद्य निगम को गेहूं की फसल बेची थी.' उन्होंने यह भी कहा कि उनके दादा को रिकॉर्ड रखने की आदत थी. अधिकारी ने आगे बताया, 'इस डॉक्यूमेंट को जे फॉर्म कहा जाता था. उनके संग्रह में पिछले 40 वर्षों में बेची गई फसलों के सभी दस्तावेज हैं. इस पर कोई स्टडी कर सकता है' पोस्ट देखने के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. यूजर्स गेहूं की कीमत से चकित थे और उन्होंने ऑफिसर के दादाजी की आदत की सराहना की. दादा जी ने रखे हुए हैं ये पुराने कागजातएक यूजर ने लिखा, "कमाल है. उस समय के बुजुर्ग खर्च किए गए हर पैसे का पूरा विवरण लिखते थे. उनके द्वारा बेची गई फसल का इस तरह रिकॉर्ड रखना चाहिए. यह अपने आप में सीखने के लिए बहुत कुछ है." एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, "जे फॉर्म, किसान के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज." 'जे फॉर्म' एक किसान के लिए एक आय प्रमाण है जो अपनी फसल बेचता है और पहले कमीशन एजेंटों द्वारा मैन्युअल रूप से जारी किया जाता था. जे फार्म के डिजिटलीकरण से पहले कई एजेंट इन फार्मों को किसानों को उपलब्ध कराने के बजाय अपने पास रखते थे.