देश / कोरोना से लड़ाई में भारत के साथ आया अमेरिका, बाइडेन बोले- संकट में भारत ने हमारी मदद की, वैसे ही अब हम करेंगे

Zoom News : Apr 26, 2021, 06:50 AM
Delhi: भारत और अमेरिका दो ऐसे देश हैं जो कोरोना के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत की वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल के निर्यात पर रोक लगाने बाद भारत को बड़ा झटका लगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले की भारत समेत बाकी जगहों पर भी खूब आलोचना हुई है। लेकिन भारतीय NSA डोभाल और अमेरिकी NSA जेक सुलिवन की बातचीत के बाद अमेरिका अपने प्रतिबन्ध से पीछे हट गया है और हर तरह का सहयोग देने की बात कर रहा है।

इस सकारात्मक बदलाव में अब अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से एक बड़ा बयान भी आ गया है। जिसमें उन्होंने भारत को मदद देने की प्रतिबद्धता को दोहराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक ट्वीट करते हुए कहा है ''महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों पर भारी दबाव था उस समय भारत ने अमेरिका के लिए जिस तरह सहायता की थी, उसी तरह भारत की जरूरत के समय में मदद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।'' अमेरिकी राष्ट्रपति के इस ट्वीट को आप यहां भी देख सकते हैं:-

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये बयान, अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के ट्वीट पर दिया है जिसमें उन्होंने भारत के लोगों के साथ मुसीबत के टाइम में साथ खड़े होने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। अपने ट्वीट में अमेरिकी NSA जेक सुलिवन ने कहा है कि अमेरिका भारत को हर संभव सहायता मुहैया कराने के लिए खड़ा है। जेक सुलिवन ने अपने ट्वीट से बताया कि अमेरिका भारत को वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक हर कच्चे माल की सप्लाई करेगा जिसकी जरूरत पड़ेगी। जेक सुलिवन ने ये भी कहा है कि फ्रंट लाइन वर्कस को बचाने के लिए अमेरिका की तरफ से तुरंत रैपिड डाइगोनॅस्टिक टेस्ट किट, वैन्टिलेटर और पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाएगी।''

इसी मुद्दे पर अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का भी बयान आ गया है, एक ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा है ''अमेरिकी सरकार, कोविड-19 के प्रकोप के समय भारत को अतिरिक्त सपोर्ट और सप्लाई मुहैया कराने के लिए नजदीकी से काम कर रही है। हम भारत के लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं, खासकर उसके बहादुर हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए।'' इस ट्वीट को आप यहां भी पढ़ सकते हैं:-

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति से मिले इस समर्थन के बाद देश में वैक्सीन बनाए जाने के काम में काफी तेजी आएगी और राष्ट्रव्यापी वैक्सीन प्रोग्राम को और अधिक बल मिलेगा, वर्तमान में कई राज्यों से वैक्सीन की शोर्टेज बताई जा रही है, इसके अलावा देश में कोविड के मामले भी अत्यधिक बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में वैक्सीन ही एक बड़ा विकल्प है और अमेरिका के इस रुख से भारत में वैक्सीन निर्माण को गति मिलेगी।

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