News18 : Apr 09, 2020, 10:47 AM
वाशिंगटन। अमेरिकी (USA) वैज्ञानिकों के एक प्रतिष्ठित पैनल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के उस दावे को गलत बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गर्मियां आने पर कोरोना वायरस (Coronavirus) ख़त्म हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने बुधवार को व्हाइट हाउस को एक रिपोर्ट सौंपी जिसके मुताबिक गर्मियों का इस वायरस पर कोई ख़ास असर नज़र नहीं आ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे किसी चमत्कार की उम्मीद न की जाए तो बेहतर है।
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस ने व्हाइट हाउस को एक ख़त लिखकर बताया है कि अभी तक दुनिया भर के देशों से मिली डेटा से ये स्पष्ट होता है कि ये वायरस उतनी ही आसानी से गर्म देशों में भी फ़ैल रहा है जितनी आसानी से ये यूरोप जैसे सर्द वातावरण वाले देशों में फैलता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे भी मौसम से किसी व्यक्ति के संक्रमित होने पर बहुत ही कम असर पड़ता है क्योंकि दुनिया में बहुत कम लोग इसके प्रति इम्यून हैं।
गर्मियों में इसके कम होने का कोई सबूत नहीं
वैज्ञानिकों के पैनल के मुताबिक ये तो सही है कि गर्मियों में इस वायरस के फैलने की क्षमता सर्दियों जैसी नहीं रहेगी लेकिन इस तथ्य से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि न तो अभी तक हमारे पास इसकी कोई वैक्सीन है और न ही ज्यादा लोगों के शरीर की प्रतिरोशक क्षमता इससे लड़ पाने में सक्षम है। इसी के चलते ये गर्मियों में भी उसी रफ़्तार से फ़ैल सकता है जैसे ये अभी फ़ैल रहा है।चीन का उदाहरण देकर वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस देश के कई ऐसे इलाकों में वायरस फैला है जहां तापमान सामान्य से ज्यादा था और ह्यूमिडिटी भी काफी थी। गर्मियों में भी एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कम से कम दो लोगों को ये संक्रमण दे रहा था। वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के इन्फेक्शियस डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर विलियम शेफनर के मुताबिक हम ये तो उम्मीद कर सकते हैं कि गर्मियों में इस वायरस के संक्रमण की गति धीमी होगी, इसके ख़त्म होने के दावों में फिलहाल कोई दम नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के हवा-हवाई दावों के आधार पर लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। दुनिया के सभी देशों को एक अरसे तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही होगा।
ट्रंप ने किया था दावा
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की एक प्रेस कांफ्रेंस में ये दावा किया था कि गर्मियां आने पर कोरोना से राहत मिल जाएगी। ट्रंप ने 10 फरवरी को पहली बार ये दावा किया था कि गर्मी बढ़ने के साथ अप्रैल महीने में कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा। इसके बाद कई चुनावी रैलियों और में भी उन्होंने लोगों को दिलासा देते हुए कहा कि गर्मियां सब ठीक कर देंगी। ट्रंप के आलोचकों का मानना है कि उनके इसी व्यवहार के चलते न्यूयॉर्क एक कब्रिस्तान में तब्दील हो गया है। शेफनर के मुताबिक दुनिया के देशों को गर्मियों की चिंता छोड़कर आने वाली सर्दियों की चिंता करनी चाहिए क्योंकि तब ये वायरस पहले से ज्यादा तबाही मचाने में सक्षम होगा।
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस ने व्हाइट हाउस को एक ख़त लिखकर बताया है कि अभी तक दुनिया भर के देशों से मिली डेटा से ये स्पष्ट होता है कि ये वायरस उतनी ही आसानी से गर्म देशों में भी फ़ैल रहा है जितनी आसानी से ये यूरोप जैसे सर्द वातावरण वाले देशों में फैलता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे भी मौसम से किसी व्यक्ति के संक्रमित होने पर बहुत ही कम असर पड़ता है क्योंकि दुनिया में बहुत कम लोग इसके प्रति इम्यून हैं।
गर्मियों में इसके कम होने का कोई सबूत नहीं
वैज्ञानिकों के पैनल के मुताबिक ये तो सही है कि गर्मियों में इस वायरस के फैलने की क्षमता सर्दियों जैसी नहीं रहेगी लेकिन इस तथ्य से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि न तो अभी तक हमारे पास इसकी कोई वैक्सीन है और न ही ज्यादा लोगों के शरीर की प्रतिरोशक क्षमता इससे लड़ पाने में सक्षम है। इसी के चलते ये गर्मियों में भी उसी रफ़्तार से फ़ैल सकता है जैसे ये अभी फ़ैल रहा है।चीन का उदाहरण देकर वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस देश के कई ऐसे इलाकों में वायरस फैला है जहां तापमान सामान्य से ज्यादा था और ह्यूमिडिटी भी काफी थी। गर्मियों में भी एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कम से कम दो लोगों को ये संक्रमण दे रहा था। वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के इन्फेक्शियस डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर विलियम शेफनर के मुताबिक हम ये तो उम्मीद कर सकते हैं कि गर्मियों में इस वायरस के संक्रमण की गति धीमी होगी, इसके ख़त्म होने के दावों में फिलहाल कोई दम नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के हवा-हवाई दावों के आधार पर लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। दुनिया के सभी देशों को एक अरसे तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही होगा।
ट्रंप ने किया था दावा
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की एक प्रेस कांफ्रेंस में ये दावा किया था कि गर्मियां आने पर कोरोना से राहत मिल जाएगी। ट्रंप ने 10 फरवरी को पहली बार ये दावा किया था कि गर्मी बढ़ने के साथ अप्रैल महीने में कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा। इसके बाद कई चुनावी रैलियों और में भी उन्होंने लोगों को दिलासा देते हुए कहा कि गर्मियां सब ठीक कर देंगी। ट्रंप के आलोचकों का मानना है कि उनके इसी व्यवहार के चलते न्यूयॉर्क एक कब्रिस्तान में तब्दील हो गया है। शेफनर के मुताबिक दुनिया के देशों को गर्मियों की चिंता छोड़कर आने वाली सर्दियों की चिंता करनी चाहिए क्योंकि तब ये वायरस पहले से ज्यादा तबाही मचाने में सक्षम होगा।