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- 14-Aug-2025 07:20 AM IST
India-US Tariff War: हाल ही में भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी. अनंत नागेश्वरन ने दावा किया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए शुल्क (टैरिफ) का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। वहीं, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के डायरेक्टर यीफार्न फुआ ने भी इस बात का समर्थन किया है, लेकिन अमेरिकी नागरिकों को इस पर भरोसा नहीं है। यह लेख इन बयानों और भारत की आर्थिक स्थिति पर उनके प्रभाव का विश्लेषण करता है।
अमेरिकी शुल्क और भारत
अमेरिका ने सभी भारतीय उत्पादों पर 25% शुल्क और रूसी कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल शुल्क 50% तक पहुंच जाएगा। यह नीति 27 अगस्त 2025 से लागू होगी। इन शुल्कों के बावजूद, यीफार्न फुआ का कहना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि पर इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसका कारण यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था व्यापार-उन्मुख (ट्रेड ओरिएंटिड) नहीं है। भारत का अमेरिका के प्रति निर्यात जोखिम जीडीपी के केवल 2% के आसपास है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने पिछले वर्ष मई में भारत की सॉवरेन रेटिंग को बीबीबी- से बढ़ाकर पॉजिटिव कर दिया था, जिसका आधार भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि थी। एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहेगी, जो पिछले वर्ष के बराबर है।
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर का बयान
वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी शुल्क से उत्पन्न चुनौतियां अल्पकालिक हैं और एक या दो तिमाहियों में समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर में आई कमी (9.2% से 6.5%) को कर्ज की कड़ी शर्तों और नकदी की समस्याओं से जोड़ा। उन्होंने सुझाव दिया कि सही कृषि नीतियों के माध्यम से वास्तविक जीडीपी वृद्धि में 25% तक की बढ़ोतरी संभव है।
नागेश्वरन ने यह भी उल्लेख किया कि रत्न एवं आभूषण, झींगा और वस्त्र जैसे क्षेत्रों पर शुल्क का प्रारंभिक प्रभाव पड़ेगा, जिसके बाद दूसरे और तीसरे चरण के प्रभाव और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। सरकार इन क्षेत्रों के साथ बातचीत कर रही है और जल्द ही नीतिगत प्रतिक्रिया की उम्मीद है।
वैश्विक परिदृश्य और व्यापार वार्ता
नागेश्वरन ने वैश्विक अस्थिरता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में होने वाली बैठक इस वार्ता को प्रभावित कर सकती है। उन्होंने लोगों से धैर्य रखने की अपील की, क्योंकि वैश्विक हालात सहयोग से गतिरोध की ओर बढ़ रहे हैं।
