21 जुलाई 2011 के बाद अब पहली बार अमेरिकी धरती से कोई मानव मिशन अंतरिक्ष में जाएगा। वह भी अमेरिकी रॉकेट से। यानी 9 साल बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष यात्रियों को स्वदेशी रॉकेट में बिठाकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक भेजेगी। नासा ने इसकी तारीख तय कर ली है। 27 मई 2020 को शाम 4:33 बजे नासा दो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स को अमेरिकी धरती से अमेरिकी रॉकेट में बिठाकर ISS पर भेजेगी। जो अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स इस मिशन में स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं, उनका नाम है- रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले। इन दोनों एस्ट्रोनॉट्स को अमेरिकी कंपनी स्पेस-एक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन (Space X Drgaon) से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा जाएगा। स्पेस-एक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी है। यह नासा के साथ मिलकर भविष्य के लिए कई अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रही है।स्पेस-एक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को अमेरिका के सबसे भरोसेमंद रॉकेट फॉल्कन-9 के ऊपर लगाया जाएगा। इसके बाद फॉल्कन-9 रॉकेट को फ्लोरिडा के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन को डेमो-2 मिशन नाम दिया गया है। डेमो-1 मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से स्पेस स्टेशन पर सफलतापूर्वक सामान पहुंचाया गया था।
SpaceX and @NASA completed a full rehearsal of launch day activities with @AstroBehnken and @Astro_Doug ahead of Crew Demo-2 pic.twitter.com/n3B2BBBmnq
— SpaceX (@SpaceX) May 23, 2020
SPECIAL EVENT: We invite you to experience #LaunchAmerica virtually! From your home, you can:
— NASA (@NASA) May 24, 2020
🚀 Take virtual tours
🐉 Practice docking @SpaceX Crew Dragon
📺 Watch NASA TV coverage
👨🚀 See astronauts launch to space on May 27
RSVP to be part of history: https://t.co/Dqzp3bzMD7 pic.twitter.com/FEBl8bZ5nv
इस मिशन में रॉबर्ट बेनकेन स्पेसक्राफ्ट की डॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से जुड़ाव, अनडॉकिंग यानी स्पेस स्टेशन से अलग होना और उसके रास्ते का निर्धारण करेंगे। बेनकेन इससे पहले दो बार स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। एक 2008 में और दूसरा 2010 में। उन्होंने तीन बार स्पेसवॉक किया है।वहीं, डगलस हर्ले ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के कमांडर होंगे। ये लॉन्च, लैंडिंग और रिकवरी के लिए जिम्मेदार होंगे। डगलस 2009 और 2011 में स्पेस स्टेशन जा चुके हैं। पेशे से सिविल इंजीनियर थे। बाद में 2000 में नासा से जुड़े थे। इसके पहले यूएस मरीन कॉर्प्स में फाइटर पायलट थे। मई में लॉन्च होने वाले मिशन के बाद ये दोनों एस्ट्रोनॉट्स स्पेस स्टेशन पर 110 दिन तक रहेंगे। आपको बता दें कि स्पेस-एक्स ड्रैगन कैप्सूल एक बार में 210 दिनों तक अंतरिक्ष में समय बिता सकता है। उसके बाद उसे रिपेयरिंग के लिए धरती पर वापस आना होगा।आपको बता दें कि 9 साल बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपनी कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम फिर से शुरू कर रही है। इस मिशन की सफलता के बाद अमेरिका को अपने एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने के लिए रूस और यूरोपीय देशों के सहारा नहीं लेना पड़ेगा।27 जुलाई 2011 को नासा ने अपना सबसे सफल स्पेस शटल प्रोग्राम बंद कर दिया था। इसी दिन स्पेस शटल एटलांटिस धरती पर लौटा था। स्पेस शटल प्रोग्राम के जरिए स्पेस स्टेशन के लिए 135 उड़ानें भरी गई थीं। 30 साल चले इस प्रोग्राम में 300 से ज्यादा एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा गया था।Before our Apollo astronauts launched to the Moon, they walked out of these doors at @NASAKennedy.
— NASA (@NASA) May 25, 2020
When we launch @AstroBehnken & @Astro_Doug to space on May 27, these doors will open again.
Set a reminder to watch history unfold as we #LaunchAmerica: https://t.co/aDCqPUo83p pic.twitter.com/rI1zKsQN8K