देश / अमित शाह ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, लगाया राज्य के प्रवासी मजदूरों को नजरअंदाज करने का आरोप

Live Hindustan : May 09, 2020, 11:19 AM
नई दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुंचने में मदद करने के लिए राज्य सरकार से "अपेक्षित समर्थन" नहीं मिल रहा है। अमित शाह ने बताया कि केंद्र ने 200,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है और पश्चिम बंगाल के श्रमिक भी वापस जाने के लिए उत्सुक हैं।

अमित शाह ने ममता बनर्जी को लिखे अपने पत्र में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासियों के साथ गाड़ियों को राज्य में पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। इससे उनके लिए और कठिनाई पैदा होगी। कोरोना वायरस  को नियंत्रित करने के राज्य के प्रयासों के बीच प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच नया विवाद बन गया है।

केंद्र और राज्य ने संक्रमण से मौतों की रिपोर्ट  को लेकर पहले ही एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं।  बंगाल का कहना है कि केंद्र एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है तो केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य के अधिकारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बार-बार दी जा रही चेतावनी की अनदेखी कर रहे हैं। संघीय अधिकारियों ने कहा है कि यह क्षेत्र पर्याप्त टेस्ट करने और हॉट स्पॉट की पहचान करने में विफल रहा है वह भ्रम और कुप्रबंधन से जूझ रहा है।

गौरतलब है कि अचानक लगे लॉकडाउन में जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंस गए थे वे अपने-अपने घरों को जाने के लिए पैदल ही चल पड़े। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल स्थित झारग्राम, मुर्शिदाबाद और वीरभूम जिला के प्रवासी मजदूर जो बिहार के बरौनी और पटना में मजूदरी कर रहे थे वहां से पैदल ही अपने घरों के लिए सड़क के रास्ते निकल पड़े थे। 31 मार्च को ये प्रवासी मजदूर झारखंड बॉर्डर से गुजरते हुए शहर की ओर जा रहे थे कि जिला प्रशासन ने इन सबों को आचार्य नरेन्द्र देव भवन जसीडीह में बनाए गए क्वारंटाईन सेंटर में क्वारंटाईन कर दिया। क्वारंटाईन सेंटर में करीब एक महीने से रह रहे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे पैदल अपने गांव जा रहे थे। उसी क्रम में उनलोगों को यहां क्वारंटाईन कर दिया गया है। उनलोगों ने बताया कि एक महीने से क्वारंटाईन सेंटर में हैं जहां उन्हें समय पर खाना और स्वास्थ्य सुविधा भी दी जा रही है। प्रतिदिन सबों का स्वास्थ्य जांच की जाती है। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी देवघर विवेक किशोर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर पश्चिम बंगाल भेजने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त बस की व्यवस्था की गई। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर ले जाने की अनुमति नहीं मिली जिस कारण एक सौ से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनका घर नहीं भेजा जा सका। पश्चिम बंगाल सरकार से अनुमति मिलने के बाद सबों को उनलोगों का गृह जिला भेज दिया जाएगा।

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