देश / मस्जिद से अनाउंस कर मजदूरों को समझाया, जानें 2 से 5 बजे के बीच बांद्रा में क्या हुआ

मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को कुछ ही घंटों में हजारों मजदूर आ गए। बिहार, यूपी, बंगाल और झारखंड के ये मजदूर हर हाल में अपने घर जाना चाहते थे। रेलवे अधिकारियों और पुलिस वालों ने इन्हें कई बार समझाया कि देश में लॉकडाउन है और मौजूद लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है, इसलिए वे वापस अपने घर लौट जाएं, लेकिन मजदूर मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज कर इन मजदूरों को भगाना पड़ा।

AajTak : Apr 14, 2020, 11:16 PM
मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को कुछ ही घंटों में हजारों मजदूर आ गए। बिहार, यूपी, बंगाल और झारखंड के ये मजदूर हर हाल में अपने घर जाना चाहते थे। रेलवे अधिकारियों और पुलिस वालों ने इन्हें कई बार समझाया कि देश में लॉकडाउन है और मौजूद लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है, इसलिए वे वापस अपने घर लौट जाएं, लेकिन मजदूर मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज कर इन मजदूरों को भगाना पड़ा।

हम आपको बताते हैं कि आखिर मजदूरों की ये भीड़ कहां से जमा हो गई, 2 बजे दोपहर से लेकर 5 बजे शाम तक बांद्रा और उसके आस-पास के इलाकों में क्या-क्या हुआ? मंगलवार को दोपहर 2 बजे के आस-पास बांद्रा रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित बस स्टैंड के पास लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गई।

जैसे ही इस घटना की जानकारी ब्रांदा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों को मिली वे घटनास्थल तक पहुंच गए। पुलिस अधिकारी अपनी ओर से मजदूरों को समझाने की कोशिश करने लगे। एक घंटा गुजरते-गुजरते 3 बजे के आस-पास घटनास्थल पर भीड़ काफी बढ़ गई।

बांद्रा में जहां लोगों की भीड़ थी वहीं पास में एक मस्जिद है। भीड़ को संबोधित करने के लिए पुलिस मस्जिद के अंदर गई और अनाउंस करने लगी कि लोग वापस अपने घर चले जाएं। लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे, वे खाना मांग रहे थे।

इसके बाद राशन से भरे एक टैम्पो को घटनास्थल पर बुलाया गया और लोगों के बीच बांटा गया। इनके बीच 50 से ज्यादा खाने के पैकेट भी बांटे गए।

इतना सब कुछ होने के बावजूद मजदूर मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद स्थानीय नेताओं को बुलाया गया और लाउडस्पीकर के जरिए अनाउंस कराया गया कि लोग घर चले जाएं। लेकिन भीड़ सुनने को तैयार नहीं थी वो वहीं मौजूद रहे।

3।45 मिनट पर इलाके के वरिष्ठ अधिकारियों को इमरजेंसी कॉल किया गया, कुछ ही मिनटों में सारे अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और मजदूरों से बात करने लगे।