Zee News : Apr 06, 2020, 10:53 AM
नई दिल्ली: अभी तक भारत में Lockdown को 13 दिन हो चुके हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) से हमारी लड़ाई को पूरी दुनिया में सराहा भी जा रहा है। लेकिन अब दुनियाभर के वैज्ञानिकों को लगने लगा है कि भारतीयों के पास सौभाग्य से कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी वजह से ये वायरस अपना जोरदार हमला नहीं कर पा रहा है।
मलेरिया संक्रमित देशों में कोरोना वायरस असफल
हाल ही में कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिन देशों में मलेरिया संक्रमण ज्यादा है वहां कोरोना वायरस ज्यादा लोगों को संक्रमित नहीं कर पा रहा है। इसके उलट जहां मलेरिया की बीमारी बहुत पहले खत्म हो चुकी है वहां कोरोना का हमला काफी गंभीर है। मसलन, अमेरिका, इटली, इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में कोरोना वायरस ज्यादा तेजी से फैला है। यहां औसतन कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या लाखों में पहुंच रही है। लेकिन भारत समेत सभी विकासशील देश जहां मलेरिया का प्रकोप है, वहां कोरोना वायरस के मामले यूरोपीय देशों के मुकाबले काफी कम है।कोरोना वायरस से बचाव में मलेरिया की दवा है कारगर
पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रमुख डॉ। के श्रीनाथ रेड्डी ने ज़ी न्यूज डिजिटल से खास बातीचत में बताया कि इस वक्त कोरोना वायरस से बचाव में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) ही सबसे ज्यादा कारगर दवा के रूप में उभरी है। अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई यूरोपीयन देश इसी दवा से कोरोना वायरस का इलाज कर रहे हैं। हम वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस और मलेरिया देशों के बीच के रिश्ते की समीक्षा कर रहे हैं। हालांकि अभी इस संबंध में कुछ भी कह पाना उचित नहीं है। लेकिन ये बात सच है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी कम है।बताते चलें कि अभी तक जहां मलेरिया की बीमारी नहीं है वहां कोरोना वायरस काफी गंभीर हमले कर रहा है। मसलन, अमेरिका में 3।37 लाख, स्पेन में 1।31 लाख, इटली में 1।28 लाख और चीन में 82 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस संक्रमित हुए हैं। जबकि ऐसे देश जहां मलेरिया संक्रमण ज्यादा है जैसे दक्षिण अफ्रीका में 1655, नाईजीरिया में 232, घाना में 214 और भारत में 4288 मामले सामने आए हैं।
मलेरिया संक्रमित देशों में कोरोना वायरस असफल
हाल ही में कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिन देशों में मलेरिया संक्रमण ज्यादा है वहां कोरोना वायरस ज्यादा लोगों को संक्रमित नहीं कर पा रहा है। इसके उलट जहां मलेरिया की बीमारी बहुत पहले खत्म हो चुकी है वहां कोरोना का हमला काफी गंभीर है। मसलन, अमेरिका, इटली, इंग्लैंड, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में कोरोना वायरस ज्यादा तेजी से फैला है। यहां औसतन कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या लाखों में पहुंच रही है। लेकिन भारत समेत सभी विकासशील देश जहां मलेरिया का प्रकोप है, वहां कोरोना वायरस के मामले यूरोपीय देशों के मुकाबले काफी कम है।कोरोना वायरस से बचाव में मलेरिया की दवा है कारगर
पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रमुख डॉ। के श्रीनाथ रेड्डी ने ज़ी न्यूज डिजिटल से खास बातीचत में बताया कि इस वक्त कोरोना वायरस से बचाव में मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) ही सबसे ज्यादा कारगर दवा के रूप में उभरी है। अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई यूरोपीयन देश इसी दवा से कोरोना वायरस का इलाज कर रहे हैं। हम वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस और मलेरिया देशों के बीच के रिश्ते की समीक्षा कर रहे हैं। हालांकि अभी इस संबंध में कुछ भी कह पाना उचित नहीं है। लेकिन ये बात सच है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी कम है।बताते चलें कि अभी तक जहां मलेरिया की बीमारी नहीं है वहां कोरोना वायरस काफी गंभीर हमले कर रहा है। मसलन, अमेरिका में 3।37 लाख, स्पेन में 1।31 लाख, इटली में 1।28 लाख और चीन में 82 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस संक्रमित हुए हैं। जबकि ऐसे देश जहां मलेरिया संक्रमण ज्यादा है जैसे दक्षिण अफ्रीका में 1655, नाईजीरिया में 232, घाना में 214 और भारत में 4288 मामले सामने आए हैं।