मनी / दुनिया की एक और बड़ी संस्था ने घटाया भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान

News18 : Jan 17, 2020, 06:20 PM
नई दिल्ली।  संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए संरचनात्मक सुधारों को जारी रखने की जरूरत है।  भारत इस समय आर्थिक नरमी से गुजर रहा है।  संयुक्त राष्ट्र की विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना 2020 (WESP) रिपोर्ट में भारत के जीडीपी (Gross Domestic Product) वृद्धि अनुमान को भी कम किया गया है।  साथ ही इसमें उम्मीद जतायी गयी है कि राजकोषीय प्रोत्साहन और वित्तीय क्षेत्र में सुधारों से खपत में तेजी आएगी। 

देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018 में 6। 8 प्रतिशत थी जो लुढ़क कर 2019 में 5। 7 प्रतिशत रही।  भारत ने तेजी लाने के लिए मौद्रिक नीति के पूरक के रूप में महत्वपूर्ण राजकोषीय उपायों का रास्ता अपनाया है। 

रिपोर्ट में क्या कहा गया

रिपोर्ट में कहा गया है, "राजकोषीय प्रोत्साहन और वित्तीय क्षेत्र में सुधार से निवेश तथा खपत में वृद्धि को गति मिलेगी।  इससे आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर आने वाले समय में 6। 6 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।  लेकिन, भारत की आर्थिक वृद्धि दर को पिछले स्तर पर लाने के लिए संरचनात्मक सुधारों की जरूरत होगी। "

चालू वित्त वर्ष के 5 फीसदी किया गया जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के प्रमुख (एशिया प्रशांत क्षेत्र) नागेश कुमार ने कहा कि भारत से संबंधित वृद्धि दर आंकड़े को संशोधित कर चालू वित्त वर्ष के लिए 5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिए 5। 8-5। 9 प्रतिशत कर दिया गया है। ’’

NSO की रिपोर्ट पर नहीं दिया गया ध्यान

रिपोर्ट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि डब्ल्यूईएसपी में जीडीपी अनुमान में भारत के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी वृद्धि के हाल के आंकड़ों पर गौर नहीं किया गया है।  नागेश कुमार ने कहा कि रिपोर्ट का आकलन अक्टूबर 2019 में किया गया और एनएसओ का अग्रिम वृद्धि अनुमान जनवरी 2020 में जारी किया गया।  इसके अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 में घटकर 5 प्रतिशत पर आ जाएगी।  उन्होंने यह भी कहा कि भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है और अगले वित्त वर्ष में सुधार की उम्मीद है। 

स्थिर रहेगी अधिकतर देशों की प्रति व्यक्ति आय

संयुक्त राष्ट्र अध्ययन के अनुसार हर पांच में से एक देश में प्रति व्यक्ति आय इस साल स्थिर रहेगी या घटेगी, लेकिन भारत उन चुनिंदा देशों में है जहां प्रति व्यक्ति जीडीपी वृद्धि दर 2020 में 4 प्रतिशत के स्तर से ऊपर जा सकती है। 

रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में लंबे समय से नरमी से सतत विकास को झटका लग सकता है।  इसमें गरीबी उन्मूलन और बेहतर रोजगार सृजित करने के लक्ष्य शामिल हैं।  इसके साथ बढ़ती असमानता और बढ़ते जलवायु संकट से दुनिया के कई भागों में असंतोष बढ़ रहा है। 


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