Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के आयोजन से पहले पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। भारत के जाने-माने अंपायर नितिन मेनन ने पाकिस्तान में मैचों में अंपायरिंग करने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल इस अंपायर का नाम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जारी अंपायरों की सूची में नहीं है।
भारतीय टीम के बाद अंपायर का इनकारइससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने भी सुरक्षा कारणों के चलते पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था। अब भारतीय अंपायर के इस फैसले ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के लिए नई परेशानी खड़ी कर दी है।
चैंपियंस ट्रॉफी में अंपायरिंग करने वाले अंपायरआईसीसी द्वारा जारी सूची के अनुसार, निम्नलिखित अंपायर चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी भूमिका निभाएंगे:
- कुमार धर्मसेना
- क्रिस गैफनी
- माइकल गॉफ
- एड्रियन होल्डस्टॉक
- रिचर्ड इलिंगवर्थ
- रिचर्ड केटलब्रॉ
- एहसान रजा
- पॉल राइफल
- शरफुद्दौला इब्ने शाहिद
- रॉडनी टकर
- एलेक्स वॉर्फ
- जोएल विल्सन
जवागल श्रीनाथ भी पैनल से बाहरभारत के पूर्व तेज गेंदबाज और अनुभवी आईसीसी मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ को भी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुना नहीं गया है। उनके स्थान पर डेविड बून, एंड्रयू पायक्रॉफ्ट और रंजन मदुगले को मैच रेफरी के रूप में नियुक्त किया गया है।
नितिन मेनन और जवागल श्रीनाथ का अनुभवनितिन मेनन अब तक 40 टेस्ट मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं, जिसमें 30 बार उन्होंने ऑन-फील्ड अंपायर और 10 बार टीवी अंपायर की भूमिका निभाई है। इसके अलावा, वे 75 वनडे और 75 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अंपायरिंग कर चुके हैं। वहीं, महिला क्रिकेट में भी उनका अनुभव महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे 13 महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग कर चुके हैं।जवागल श्रीनाथ का भी आईसीसी में एक लंबा करियर रहा है। वे अब तक 79 टेस्ट, 272 वनडे और 136 टी20 मैचों में मैच रेफरी की भूमिका निभा चुके हैं। हाल ही में वे विवादों में तब आए थे जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में खेले गए टी20 मैच में भारतीय टीम को सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी देने की अनुमति दी थी।
निष्कर्षनितिन मेनन और जवागल श्रीनाथ के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रहने का फैसला निश्चित रूप से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए झटका है। भारतीय टीम पहले ही पाकिस्तान में न खेलने का निर्णय ले चुकी है, और अब अंपायरिंग पैनल में भी भारतीयों की अनुपस्थिति चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन को लेकर नए सवाल खड़े कर रही है।