Vikrant Shekhawat : Jun 18, 2021, 04:39 PM
बेंगलुरु। कोरोना की दूसरी लहर (Covid19 Second Wave) ने जिस तरीके से देश में तबाही मचाई है उसके बाद लगातार तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं। सरकार के चीफ साइंटिफिक एडवाइजर साफ कह चुके हैं कि तीसरी लहर जरूर आएगी। लेकिन इस बात पर अभी रिसर्च जारी है कि तीसरी लहर कितनी घातक होगी। अब समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दुनियाभर के करीब 40 एक्सपर्ट्स (40 Medical Experts) से इस मुद्दे पर रायशुमारी की है।
इस ओपिनियन पोल के मुताबिक करीब 85 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में तीसरी लहर अक्टूबर महीने तक आ सकती है। कुछ ने सितंबर और अगस्त महीने में भी तीसरी लहर का प्रभाव शुरू होने की बात कही है। हालांकि करीब 70 फीसदी एक्सपर्ट्स का मानना है कि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर का सामना भारत प्रभावी रूप से कर पाएगा।तीसरी लहर नियंत्रित हो सकती है, वैक्सीनेशन का दायरा काफी ज्यादा बढ़ चुका होगाएम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'तीसरी लहर नियंत्रित हो सकती है क्योंकि तब तक वैक्सीनेशन का दायरा काफी ज्यादा बढ़ चुका होगा। दूसरी लहर के तुलना में तब तक देश में बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना का टीका मिल जाएगा।'बच्चों पर हो सकता है असर, दो तिहाई एक्सपर्ट इस बात पर सहमततीसरी लहर के लिए ये भी कहा जा रहा है कि इसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होगा। इस बात पर करीब दो तिहाई एक्सपर्ट्स ने हामी भरी है। एक एक्सपर्ट ने कहा है कि 18 से कम उम्र के बच्चों में खतरा इसलिए भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि अभी इनके लिए वैक्सीन पर रिसर्च जारी है।इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन और एम्स ने अपने सीरोप्रेवैलेंस सर्वे में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बालिगों के मुकाबले बच्चों पर बहुत ज्यादा नहीं होगा। नए अध्ययन में WHO और AIIMS ने अलग दावे किए हैं। सर्वे के मुताबिक बालिगों के मुकाबले बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है।
इस ओपिनियन पोल के मुताबिक करीब 85 फीसदी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में तीसरी लहर अक्टूबर महीने तक आ सकती है। कुछ ने सितंबर और अगस्त महीने में भी तीसरी लहर का प्रभाव शुरू होने की बात कही है। हालांकि करीब 70 फीसदी एक्सपर्ट्स का मानना है कि दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर का सामना भारत प्रभावी रूप से कर पाएगा।तीसरी लहर नियंत्रित हो सकती है, वैक्सीनेशन का दायरा काफी ज्यादा बढ़ चुका होगाएम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'तीसरी लहर नियंत्रित हो सकती है क्योंकि तब तक वैक्सीनेशन का दायरा काफी ज्यादा बढ़ चुका होगा। दूसरी लहर के तुलना में तब तक देश में बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना का टीका मिल जाएगा।'बच्चों पर हो सकता है असर, दो तिहाई एक्सपर्ट इस बात पर सहमततीसरी लहर के लिए ये भी कहा जा रहा है कि इसमें बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होगा। इस बात पर करीब दो तिहाई एक्सपर्ट्स ने हामी भरी है। एक एक्सपर्ट ने कहा है कि 18 से कम उम्र के बच्चों में खतरा इसलिए भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि अभी इनके लिए वैक्सीन पर रिसर्च जारी है।इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन और एम्स ने अपने सीरोप्रेवैलेंस सर्वे में कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बालिगों के मुकाबले बच्चों पर बहुत ज्यादा नहीं होगा। नए अध्ययन में WHO और AIIMS ने अलग दावे किए हैं। सर्वे के मुताबिक बालिगों के मुकाबले बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है।