राजस्थान / COVID-19 संक्रमित बच्चों को खुश रखने के लिए डॉक्टर उनके साथ खेल रहे हैं अंताक्षरी और अन्य गेम्स

उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में मासूम बच्चों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। यहां बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ से भर्ती हुए मरीजों में 2 से 13 वर्ष के दस बच्चे हैं। ये मासूम बच्चे कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर खौफ में हैं। ऐसे में इनका भय दूर करने के लिए चिकित्सकों ने अनुठा प्रयास शुरू किया है।

News18 : Apr 21, 2020, 12:51 PM
उदयपुर। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज (RNT Medical College) के कोरोना वार्ड में मासूम बच्चों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। यहां बांसवाड़ा (Banswara) जिले के कुशलगढ़ से भर्ती हुए मरीजों में 2 से 13 वर्ष के दस बच्चे हैं। ये मासूम बच्चे कोरोना जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर खौफ में हैं। ऐसे में इनका भय दूर करने के लिए चिकित्सकों ने अनुठा प्रयास शुरू किया है। यहां के चिकित्सक बच्चों के मनोरंजन (Entertainment) के लिए पूरी कोशिश करने में जुटे हैं। ताकि, बच्चों में बीमारी से लड़ने के लिए मानसिक हिम्मत पैदा किया जा सके।

साथ ही उन्हें सृजनात्मक कार्यों से जोड़ने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना वार्ड में भर्ती ये सभी बच्चें कुशलगढ़ के एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। हालांकि, संक्रमित होने के बाद ये अपने परिवार के सदस्यों से दूर हैं। वहीं, वार्ड में भी सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ ही मरीजों को रखा गया है। ऐसे में इन बच्चों में ब्लड प्रेशर, नींद नहीं आना, भूख कम लगने के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगी थी। चिकित्सकों को इस बात पर चिंता सताने लगी। ऐसे में कोरोना वार्ड में मौजूद चिकित्सकों ने इसका रास्ता मनोरंजन के माध्यम से निकाला।

अंताक्षरी के दौरान बच्चें गाने गुनगुनाते रहते हैं

अब कोरोना वार्ड में चिकित्सक और अन्य स्टाफ बच्चों के साथ अंताक्षरी खेलते है। वार्ड में अंताक्षरी के दौरान बच्चे गाना गुनगुनाते रहते हैं। साथ ही पहेलियों को सुलझाने में इन्हें व्यस्त रखा जाता है। इन बच्चों को  चिकित्सकों ने जब से मनोरंजन के माध्यम से व्यस्त किया हैं, तब से इनके चेहरे पर मुस्कराहट नजर आ रही है। और इनके दिल और दिमाग से घबराहट को भी कम करने में सफलता मिली है। कोरोना वार्ड में भर्ती इन मासूम बच्चों को सृजनात्मक गतिविधियों से जोड़ना भी चिकित्सा महकमें का अनुठा प्रयास रहा है। यहां सभी बच्चों से पेंटिंग बनवाने का कार्य भी शुरू कराया गया। सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ ही इन बच्चों को पेंटिंग करने के लिए अलग- अलग विषय दिए गए हैं।