देश / शोपियां में मारे गये 'आतंकियों' के एनकाउंटर की जांच करेगी सेना

News18 : Aug 11, 2020, 06:26 AM
श्रीनगर। भारतीय सेना (Indian army) ने सोमवार को कहा कि वह पिछले महीने शोपियां (Shopian) में एक कथित फर्जी मुठभेड़ में राजौरी (Rajouri) के तीन युवकों के मारे जाने की जांच करेगी। दरअसल कुछ परिवारों ने सोशल मीडिया (Social Media) पर तस्वीरों के जरिए दावा किया कि वे उनके रिश्तेदार थे। बाघा खान के बेटे अबरार अहमद (17), सबीर हुसैन के बेटे इम्तियाज अहमद (19) और मोहम्मद यूसुफ के बेटे अबरार अहमद (22), राजौरी जिले के पीरी कोटरंका के निवासी हैं। तीनों के ही परिजनों ने कहा कि उनके बेटे रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। बताया गया कि वे काम की तलाश में कश्मीर (Kashmir) जाने के लिए 16 जुलाई को घर से निकले थे।

अगले दिन उन्होंने अपने परिजनों को फोन करके बताया कि वे सुरक्षित शोपियां पहुंच गए हैं। तब से उन्होंने अपने परिवारों को फोन नहीं किया और उनके फोन स्विच ऑफ हो गए। उन्होंने कहा कि इन तीनों युवकों के साथ पिछले तीन हफ्ते से उनका कोई संपर्क नहीं हुआ है


रिश्तेदारों ने सोचा कश्मीर में क्वारंटाइन किये गये युवक

एक रिश्तेदार ने कहा, 'हमें लगा कि उन्हें कश्मीर में उन्हें क्वारंटाइन किया गया है और उनके फोन की चार्जिंग खत्म हो गई है। हम 14 दिनों तक इंतजार करते रहे। फिर 21 दिन, लेकिन जब हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो हमने राजौरी में पुलिस स्टेशन में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।'

रिश्तेदार ने कथित तौर पर 18 जून की मुठभेड़ के दौरान मारे गए तीन अज्ञात 'आतंकवादियों' की अपने बच्चों से मिलती-जुलती तस्वीरें देखीं। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि हमारे मासूम के हश्र के बारे में पता चल सकेगा। हम गरीब हैं। वे काम खोजने और कुछ पैसे कमाने के लिए कश्मीर आए थे।'


सेना ने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी

कश्मीर स्थित सेना मुख्यालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। सेना ने एक प्रेस रिलीज में कहा, 'हमने 18 जुलाई 2020 को शोपियां में ऑपरेशन से जुड़े सोशल मीडिया इनपुट्स पर ध्यान दिया है। ऑपरेशन के दौरान मारे गए तीन आतंकवादियों की पहचान नहीं हो सकी थी और शवों को तय प्रोटोकॉल के आधार पर दफनाया गया था। सेना इस मामले की जांच कर रही है।'

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER