जम्मू-कश्मीर / अनुच्छेद 370: प्रभावित हुआ कश्मीर का कालीन उद्योग, मात्र 300 रुपए में मिल रही है सेब की पेटी

punjab kesari : Sep 06, 2019, 12:38 PM
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अघोषित बंद से वहां का कारोबार पूरी तरह ठप पड़ गया है। कश्मीर की कालीन उद्योग का तकरीबन 100 करोड़ रुपए का माल कश्मीर में डंप पड़ा है। 800 से 900 रुपए पेटी की कीमत वाले सेब को खरीदार न मिलने के कारण इसकी कीमत 200 से 300 रुपए पेटी पर आ गई है।

कारपेट उद्योग की चिंता बढ़ी

कश्मीर के पुलवामा में कालीन का काम करने वाले एक शख्स ने बताया कि अगस्त से पहले तक उनका कारोबार महीने में 2 से 3 करोड़ रुपए का हो जाता था, लेकिन एक महीने से एक रुपए का भी कारोबार नहीं हुआ है। पूरे पुलवामा में कालीन मैन्युफैक्चरिंग की तकरीबन 300 यूनिट हैं। इन सभी यूनिट्स का मासिक कारोबार 2-4 करोड़ रुपए का था लेकिन फिलहाल सभी ठप पड़ी हैं। कारोबार ठप होने से कालीन यूनिट का बिल, बैंक की किस्त दे पाना मुश्किल है। उन्हें महीने में 6.5 लाख रुपए इन दो चीजों में चुकाने पड़ते हैं। उनके मुताबिक, कालीन कारोबार में लगे सभी कारीगरों में से 90 फीसदी कश्मीर के बाहर के लोग हैं, जिनमें से अधिकतर लोग लौट गए हैं। ट्रासंपोर्ट के साधनों की कमी के चलते कश्मीरी कारीगर अपना माल दिल्ली लेकर नहीं आ पा रहे हैं, जहां से इस माल को आगे एक्सपोर्ट किया जाता है।

सेब कारोबार में 20 लाख का नुकसान

कश्मीर में सबसे ज्यादा सेब उत्पादन करने वाले शोपियां में सेब का कारोबार करने वाले शख्स ने बताया कि सेब की फसलें बेकार हो रही हैं। उन्हें खरीदार नहीं मिल रहे। सेबों को कश्मीर से बाहर नहीं लेकर जा सकते हैं, इसलिए उनका अब तक एक करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। उनका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस भी है, जिसमें 20 लाख का नुकसान हुआ है। पहले गाड़ी वाले 50 से 60 रुपए प्रति पेटी किराया लेते थे, अब ये किराया बढ़कर 150 रुपए प्रति पेटी तक पहुंच गया है। इसके बाद भी उन्हें गाड़ी वाले नहीं मिल रहे हैं। सेबों का दाम भी बहुत नीचे चल रहा है। अब तक बाबोश सेब की एक पेटी 800 से 900 रुपए के बीच बिकती थी, अब वह 150 रुपए, 200 या ज्यादा से ज्यादा 300 रुपए के दाम में जा रही है।


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