AajTak : Aug 03, 2020, 11:48 AM
Coronavirus Vaccine: कोरोना वायरस को मिटाने के लिए देश की कई फार्मा कंपनियों में तेजी से काम हो रहा है। इसमें से एक है सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India)। यह कंपनी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है। यह वही वैक्सीन है जिसने कोरोना वायरस के प्रति दोहरा मार करने की सफलता हासिल की थी। अब कंपनी के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा है कि इस वैक्सीन का आधा उत्पाद भारत के मरीजों को मिलेगा।न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में अदार पूनावाला ने कहा कि ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिकों के साथ 500 डो़ज हर मिनट बनाने की तैयारी है। मुझे दुनिया भर के राष्ट्रध्यक्षों, राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और हेल्थ मिनिस्टर्स के फोन आ चुके हैं। सभी वैक्सीन का पहला बैच मांग रहे हैं। मेरे पास लगातार फोन आ रहे हैं। कई लोगों को तो मैं जानता तक नहीं। अदार ने कहा कि ट्रायल सफल होने की स्थिति में हम भारत में 50 करोड़ से अधिक वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे। वैक्सीन डिजाइन करने वाली कंपनियों का कहना है कि अगर ट्रायल सफल होता है तो उन्हें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की फैक्ट्रियों की जरूरत पड़ेगी।सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। यहां हर साल दूसरी वैक्सीन की डेढ़ अरब डोज बनती हैं। जो गरीब देशों में भेजी जाती हैं। दुनिया के आधे बच्चों को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन लगाई जाती है।कुछ दिन पहले ही कंपनी ने 60 करोड़ ग्लास के वायल मंगवाए थे। अदार पूनावाला कहते हैं कि उनके ऊपर बहुत दबाव है। कई देशों से मांग की जा रही है वैक्सीन के पहले बैच की। लेकिन वो पूरी कोशिश करेंगे कि 50 फीसदी डोज भारत में रहे। बाकी 50 फीसदी डोज अन्य देशों में दी जाए।अदार कहते हैं कि हमारा फोकस गरीब देशों पर होगा। वैक्सीन को बनाने की प्रक्रिया 6 माह से चल रही है। हम इसे जल्द खत्म करना चाहते हैं। ऑक्सफोर्ड के साथ प्रमुख भागीदार एस्ट्राजेनेका है। उसने अमेरिका, यूरोप और अन्य स्थानों पर वैक्सीन बनाने के लिए 7500 करोड़ रुपए से ज्यादा का करार किया है।सीरम इंस्टीट्यूट को भी वैक्सीन बनाने की अनुमति मिली है। अंतर सिर्फ यह है कि उनकी कंपनी प्रोडक्शन का पूरा खर्च उठा रही है। अदार को ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के सफल होने की 70-80 फीसदी उम्मीद है।