जयपुर / बेनीवाल ने गहलोत पर लगाया गंभीर आरोप कहा- बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए शुरू किया टोल

TV9 Bharatvarsh : Nov 02, 2019, 01:57 PM
जयपुर | राज्य की गहलोत सरकार ने पिछली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के निर्णय को बदलकर स्टेट हाईवे पर फिर से टोल टैक्स लगाना शुरू कर दिया है. वहीं टोल टैक्स लगने के बाद से ही राजस्थान के अन्दर जगह-जगह विरोध शुरू हो गया है.

जहां बीजेपी सड़कों पर आ गई है तो वहीं बीजेपी के गठबंधन वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकशक्ति पार्टी (आरएलपी) नेता और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सूबे के सीएम पर निजी हमला करते हुए अपने जानकारों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है.

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बेटा टोल ठेकेदारों का साथी है, इसलिए जनता से टोल टैक्स वसूला जा रहा है.

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछली बीजेपी सरकार के समय निजी वहानों पर जो टैक्स लिया जा रहा था, वो वैसे ही रहेगा. सरकार ने कैबिनेट सर्कुलेशन के जरिए एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया. वहीं अब टोल रोड़ से संबंधित कंपनी को टोल नाके पर टोल दरें बढ़ाने के लिये पीडब्लयूडी में प्रस्ताव भेजना होगा. विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही टोल संचालक कंपनी दरें बढ़ा सकेंगीं.

बीजेपी का विरोध

टोल टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में बीजेपी ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया. जयपुर में बीजेपी ने धरना दिया, जिसमें जयपुर शहर से पार्टी अध्यक्ष और विधाायक अशोक लाहौटी सहित कई विधायक मौजूद रहे. धरनें में लोगों को संंबोधित करते हुए बीजेपी नेताओं ने कहा कि अगर पैसों की कमी है तो मुख्यमंत्री झोली फैला कर निकल जाएं, जनता झोली में दान कर देगी.

बेटे के दोस्त की कंपनी को फायदा पहुंचा रहे सीएम

नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट से टोल के विरोध में ट्वीट किया. अखबार की खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बेनीवाल ने लिखा,  टोल माफी से ठेकेदारों का नुकसान हो रहा हैं. इत्तेफाक से ठेकेदार मुख्यमंत्री के बेटे का साथी है. अब जनता को इन हाइब्रिड गांधीवादी की इस ठेकेदारी का मूल्य तो चुकाना ही है,क्योंकि बेटा भी कभी इनका कंसलटेंट था.

खास बातचीत के दौरान बेनीवाल ने कहा, “ये बहुत बड़ा जनविरोधी कदम है. कांग्रेस के लिए ये आत्मघाती कदम होगा, क्योंकि राजस्थान में निकायों और पंचायतों के चुनाव हैं. कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जायेगा. मुझे लगता है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फिर से थूक कर चाटना पड़ेगा, जिस तरह पहले नगर-निगम और नगर निकायों के चुनाव में इनका अन्तरिक झगड़ा सामने आया.”

“उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि बिना पार्षद चुनाव के कोई सभापति और मेयर नहीं बन सकता और गहलोत को बैकफुट पर जाना पड़ा था. इसमें भी ऐसा ही होगा अशोक गहलोत को ये आदेश वापस लेना पड़ेगाय टोल की जरुरत भी नहीं है. रोड टैक्स लेते हो तो फिर टोल क्यों? अब इस पर हमारी आरएलपी पार्टी राजस्थान में बड़ा आन्दोलन करने जा रही है.”

वसुंधरा राजे सरकार ने जल्दबाजी में लिया फैसला

राजस्थान के सीएम गहलोत ने टोल टैक्स फिर शुरू होने पर बयान जारी करते हुए कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने निजी वाहनों के लिए टोल फ्री करने का फैसला जल्दबाजी में और बिना सोचे-समझे लिया था. यह उनका चुनावी स्टंट था. इससे सड़कों की मरम्मत और रखरखाव के काम प्रभावित हो रहे हैं.  टोल शुल्क की छूट वापस लेने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने जनहित व राजकोष पर आने वाली बड़ी देनदारी को देखते हुए लिया है.

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