Dainik Bhaskar : Mar 20, 2019, 11:20 AM
खुशियां है भरती झोली में चेहरा रंगों में रंग जाता हैहर वर्ष फाल्गुन मास में जबहोली का त्यौहार आता है। लो आ गया हुड़दंगियों का झुंडअब जम कर मस्ती और धमाल होगाथिरकेगी तबले की ताल पर कुडियांऔर मुण्डों का दिल भी बाग़-बाग़ होगा।अरे ! देखो उस कोने मेंवहां कोई टल्ली होकर खड़ा हैभांग मिली हुई लस्सी परशायद उसका भी हाथ पड़ा है। चारों तरफ खुशियां ही खुशियां हैहर शख्श मस्ती में चूर हैछुपा कर अपने को प्यार की छाँव मेंग़मों की धुप से वह कोशों दूर है। चेहरे पर सभी के लाली हैचाल भी सभी की मतवाली हैसमझ में नहीं आता कौन शाली हैऔर कौन सी मेरी घरवाली है। राग-रंग के सबसे बड़े उत्सव होली की आपको शुभकामनाएं। हम सब की होली सुरक्षित और सेहतमंद रहे, इसके लिए जरूरी है कि केमिकल से बने पक्के रंगों से बचें। हर्बल और खुशबूदार अबीर-गुलाल से ही होली खेलें। इससे सेहत भी सही रहेगी और पानी भी बचेगा। केमिकल वाला पक्का रंग छुड़ाने में बहुत पानी खर्च होता है और पानी हम सिर्फ बचा सकते हैं, बना नहीं सकते। पिछले साल देशभर में बारिश कम होने से इस बार पानी की समस्या बढ़ सकती है। एक और निवेदन... जितना संभव हो इस होली पर जरूरतमंदों के साथ भी खुशियों के रंग बांटें। आइए हम सब मिल-जुलकर जश्न मनाएं, एक-दूसरे को गुलाल लगाएं। सभी पाठकों को पुन: होली की बहुत शुभकामनाएं।