News18 : May 19, 2020, 04:01 PM
नई दिल्ली। श्रम और रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) ने एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) योगदान को जुलाई तक तीन महीने के लिए 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने के निर्णय को लागू कर दिया है। इससे 4.3 करोड़ ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा और कोविड-19 (COVID-19) के चलते लागू लॉकडाउन में लिक्विडिटी से जूझ रही 6.5 लाख एम्पलॉयर की लायबिलिटी घटेगी। इस निर्णय से अगले तीन महीनों में 6,750 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी उपलब्ध होगी। श्रम मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ईपीएफ योगदान में कटौती मई, जून और जुलाई 2020 के लिए लागू होगा।
श्रम मंत्रालय द्वारा इस निर्णय को लागू करने से जून, जुलाई और अगस्त महीने में कर्मचारियों के हाथ में बढ़ा हुआ वेतन पहुंच सकेगा। इसके साथ ही कर्मचारियों के ईपीएफ अकाउंट में जून, जुलाई और अगस्त का ईपीएफ योगदान घट जाएगा। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं के हाथ में अधिक लिक्विडिटी पहुंचाने के लिए 9 अप्रैल 1997 की अधिसूचना में संशोधन का निर्णय लिया है।वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते की थी घोषणापिछले हफ्ते, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन में अगले तीन महीने के लिए कटौती की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का ही योगदान 12-12 फीसदी से घटाकर 10-10 फीसदी कर दी। हालांकि, सेंट्रल पबल्कि सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSEs) और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में नियोक्ता का योगदान 12 फीसदी रखा गया है।इन पर लागू नहीं होगा नया नियमवित्त मंत्री ने कहा था कि ईपीएफ योगदान में कटौती की यह योजना उन कर्मचारियों के लिए भी है, जो 24 फीसदी ईपीएफ सपोर्ट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PM Garib Kalyan Package) व इसके विस्तार के अंतर्गत लाभ लेने के योग्य नहीं है।पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं और इनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं, ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों की ओर से EPF में योगदान मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक के लिए सरकार की ओर से दिया जा रहा है।बता दें कि पिछले हफ्ते सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत तीन महीने के लिए बेनिफिट्स को बढ़ाने की घोषणा की थी, जहां सरकार ईपीएफ योगदान का पूरा 24 फीसदी अगस्त तक भरेगी। इससे 3।67 लाख नियोक्ताओं और 72।22 लाख कर्मचारियों का राहत मिलेगी।
श्रम मंत्रालय द्वारा इस निर्णय को लागू करने से जून, जुलाई और अगस्त महीने में कर्मचारियों के हाथ में बढ़ा हुआ वेतन पहुंच सकेगा। इसके साथ ही कर्मचारियों के ईपीएफ अकाउंट में जून, जुलाई और अगस्त का ईपीएफ योगदान घट जाएगा। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं के हाथ में अधिक लिक्विडिटी पहुंचाने के लिए 9 अप्रैल 1997 की अधिसूचना में संशोधन का निर्णय लिया है।वित्त मंत्री ने पिछले हफ्ते की थी घोषणापिछले हफ्ते, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के प्रोविडेंट फंड कंट्रीब्यूशन में अगले तीन महीने के लिए कटौती की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का ही योगदान 12-12 फीसदी से घटाकर 10-10 फीसदी कर दी। हालांकि, सेंट्रल पबल्कि सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSEs) और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में नियोक्ता का योगदान 12 फीसदी रखा गया है।इन पर लागू नहीं होगा नया नियमवित्त मंत्री ने कहा था कि ईपीएफ योगदान में कटौती की यह योजना उन कर्मचारियों के लिए भी है, जो 24 फीसदी ईपीएफ सपोर्ट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (PM Garib Kalyan Package) व इसके विस्तार के अंतर्गत लाभ लेने के योग्य नहीं है।पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं और इनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं, ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों की ओर से EPF में योगदान मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक के लिए सरकार की ओर से दिया जा रहा है।बता दें कि पिछले हफ्ते सीतारमण ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत तीन महीने के लिए बेनिफिट्स को बढ़ाने की घोषणा की थी, जहां सरकार ईपीएफ योगदान का पूरा 24 फीसदी अगस्त तक भरेगी। इससे 3।67 लाख नियोक्ताओं और 72।22 लाख कर्मचारियों का राहत मिलेगी।