News18 : Apr 30, 2020, 02:31 PM
नई दिल्ली। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल (Glenmark Pharmaceuticals) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए फैविपिराविर (Favipiravir) एंटीवायरस टैबलेट के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली है। ग्लेनमार्क फार्मा ने दावा किया कि डीसीजीआई से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है। फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है। इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ इस दवा ने सही प्रतिक्रिया दिखायी है। क्लिनिकल ट्रायल मिलने की खबर से गुरुवार को कारोबार के दौरान ग्लेनमार्क के शेयरों में 9 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
DCGI से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी
कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने इस दवा के लिए कच्चा माल (API) आंतरिक तौर पर तैयार किया है। इसका यौगिक (फॉर्मूलेशन) भी उसने ही विकसित किया है। कंपनी ने इसके मानवीय चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति मांगी थी। यह मंजूरी कोरोना वारयस से आंशिक तौर पर संक्रमित मरीजों पर परीक्षण के लिए मांगी गयी थी।कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों पर दवा परीक्षण के लिए नियामकीय अनुमति पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है। फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है। इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ इस दवा ने सही प्रतिक्रिया दिखायी है। जापान में इंफ्लूएंजा वायरस के इलाज के लिए इस दवा के उपयोग की अनुमति है।नियमों के अनुसार कंपनी आंशिक तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित चुनिंदा 150 मरीजों पर इसका परीक्षण करेगी। मरीज पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती। वहीं इसके पूरे अध्ययन की अवधि 28 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती।पिछले कुछ महीनों में चीन, जापान और अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों पर इस तरह के कई प्रायोगिक परीक्षण किए गए हैं।कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33 हजार के पारभारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा जानकारी के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33050 हो गई है। इनमें 23651 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 1074 लोगों की जान जा चुकी है और 8324 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं।
DCGI से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी
कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने इस दवा के लिए कच्चा माल (API) आंतरिक तौर पर तैयार किया है। इसका यौगिक (फॉर्मूलेशन) भी उसने ही विकसित किया है। कंपनी ने इसके मानवीय चिकित्सकीय परीक्षण की अनुमति मांगी थी। यह मंजूरी कोरोना वारयस से आंशिक तौर पर संक्रमित मरीजों पर परीक्षण के लिए मांगी गयी थी।कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों पर दवा परीक्षण के लिए नियामकीय अनुमति पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है। फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है। इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ इस दवा ने सही प्रतिक्रिया दिखायी है। जापान में इंफ्लूएंजा वायरस के इलाज के लिए इस दवा के उपयोग की अनुमति है।नियमों के अनुसार कंपनी आंशिक तौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित चुनिंदा 150 मरीजों पर इसका परीक्षण करेगी। मरीज पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती। वहीं इसके पूरे अध्ययन की अवधि 28 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती।पिछले कुछ महीनों में चीन, जापान और अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों पर इस तरह के कई प्रायोगिक परीक्षण किए गए हैं।कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33 हजार के पारभारत में कोरोना वायरस का कहर जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा जानकारी के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33050 हो गई है। इनमें 23651 एक्टिव केस हैं। कोरोना से अब तक 1074 लोगों की जान जा चुकी है और 8324 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं।