News18 : Apr 06, 2020, 12:22 PM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग जीतने की कोशिश में जहां दुनियाभर की सरकारों ने अपनी जान लगा दी है, वहीं वैज्ञानिक भी इसकी वैक्सीन (Vaccine) तैयार करने में दिन रात एक कर रहे हैं। खबर है कि हैदराबाद (Hyderabad) की टीका कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोरोना को मात देने वाली वैक्सीन तैयार कर ली है। इस वैक्सीन को एनिमल ट्रायल के लिए अमेरिका (America) भेजा गया है। तीन से छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल के बाद अगर सब कुछ सही रहा तो भारत में इस वैक्सीन का इस्तेमाल इंसानों पर किया जाएगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि साल के अंत तक यह वैक्सीन इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस वैक्सीन को नोजल ड्रॉप के रूप में तैयार किया जाएगा। इस वैक्सीन की एक बूंद नाक में डालनी होगी और इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा। कोरोफ्लू नाम का यह टीका कोरोना के साथ फ्लू का भी इलाज करेगा। भारत बायोटेक के सीएमडी व विज्ञानी डॉ। कृष्णा एला ने बताया कोरोना वायरस नाक के रास्ते शरीर के अंदर जाता है और फेफड़ों में पहुंचकर उसे पूरी तरह से संक्रमित कर देता है। यही कारण है कि हमने इसे नाक की वैक्सीन के रूप में तैयार किया है। यह वैक्सीन नाक के रास्ते ही कोरोना के फ्लू को पूरी तरह से मार देगी।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस वैक्सीन को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे इसे अन्य फ्लू में इस्तेमाल किया जा सके। अभी तक की जानकारी के मुताबिक एक बोटल में 15 से 20 बूंद दवा होगी। इसे जानबूझ कर इस तरह से तैयार किया गया, जिससे इसे रखने और डिलीवरी में आसानी हो।डॉ। कृष्णा एला ने बताया कि हमने हर साल करीब 30 करोड़ वैक्सीन तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
वैक्सीन को ट्रायल के लिए अमेरिका भेजा गया है
देश में एनिमल ट्रायल और जीन सिंथेसिस सुविधा न होने के कारण वैक्सीन का ट्रायल भारत में नहीं किया जा सका है। यही कारण है कि वैक्सीन को ट्रायल के लिए अमेरिका भेजा गया है। अमेरिका के विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी और जापानी वायरोलॉजिस्ट योशीहीरो कवाओका के वैज्ञानिक इसका ट्रायल पहले जानवरों पर करेंगे इसके बाद ही इसका ट्रायल इंसानों पर किया जा सकेगा।भारत बायोटेक पहले भी बना चुका है बेहतरीन वैक्सीन
भारत बायोटेक को हाई रिस्क पेंडेमिक वैक्सीन बनाने का अनुभव है। इससे पहले भी कंपनी के वैज्ञानिकों ने एच1एन1 फ्लू, चिकुनगुनिया, टाइफाइड समेत 16 किस्म के टीके बनाए हैं। भारतीय वैज्ञानिकों के इस प्रयोग से एक बार फिर उम्मीद जगी है कि देश और दुनिया के लोग कोरोना वायरस को जल्द हरा सकेगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस वैक्सीन को नोजल ड्रॉप के रूप में तैयार किया जाएगा। इस वैक्सीन की एक बूंद नाक में डालनी होगी और इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा। कोरोफ्लू नाम का यह टीका कोरोना के साथ फ्लू का भी इलाज करेगा। भारत बायोटेक के सीएमडी व विज्ञानी डॉ। कृष्णा एला ने बताया कोरोना वायरस नाक के रास्ते शरीर के अंदर जाता है और फेफड़ों में पहुंचकर उसे पूरी तरह से संक्रमित कर देता है। यही कारण है कि हमने इसे नाक की वैक्सीन के रूप में तैयार किया है। यह वैक्सीन नाक के रास्ते ही कोरोना के फ्लू को पूरी तरह से मार देगी।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस वैक्सीन को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे इसे अन्य फ्लू में इस्तेमाल किया जा सके। अभी तक की जानकारी के मुताबिक एक बोटल में 15 से 20 बूंद दवा होगी। इसे जानबूझ कर इस तरह से तैयार किया गया, जिससे इसे रखने और डिलीवरी में आसानी हो।डॉ। कृष्णा एला ने बताया कि हमने हर साल करीब 30 करोड़ वैक्सीन तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
वैक्सीन को ट्रायल के लिए अमेरिका भेजा गया है
देश में एनिमल ट्रायल और जीन सिंथेसिस सुविधा न होने के कारण वैक्सीन का ट्रायल भारत में नहीं किया जा सका है। यही कारण है कि वैक्सीन को ट्रायल के लिए अमेरिका भेजा गया है। अमेरिका के विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी और जापानी वायरोलॉजिस्ट योशीहीरो कवाओका के वैज्ञानिक इसका ट्रायल पहले जानवरों पर करेंगे इसके बाद ही इसका ट्रायल इंसानों पर किया जा सकेगा।भारत बायोटेक पहले भी बना चुका है बेहतरीन वैक्सीन
भारत बायोटेक को हाई रिस्क पेंडेमिक वैक्सीन बनाने का अनुभव है। इससे पहले भी कंपनी के वैज्ञानिकों ने एच1एन1 फ्लू, चिकुनगुनिया, टाइफाइड समेत 16 किस्म के टीके बनाए हैं। भारतीय वैज्ञानिकों के इस प्रयोग से एक बार फिर उम्मीद जगी है कि देश और दुनिया के लोग कोरोना वायरस को जल्द हरा सकेगे।