देश / लॉकडाउन में नौकरीपेशा को मिली बड़ी राहत, हर महीने अकाउंट में आएगी ज्यादा सैलरी

News18 : May 14, 2020, 08:21 AM
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी प्रतिष्ठानों में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के भविष्य निधि योगदान को तीन माह के लिये सांविधिक योगदान मूल वेतन के 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की। कर्मचारियों को जेबों में अधिक पैसा डालने और नियोक्ताओं को पीएफ (भविष्य निधि) बकाया के भुगतान में राहत देने के लिये यह कदम उठाया गया है। इससे दोनों को कुल 6,750 करोड़ रुपये की नकदी सुलभ होगी। वहीं, ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन माह के लिए बढ़ाई जा रही है। ये सहायता जून जुलाई अगस्त तक जारी रहेगी। पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी।

यह निर्णय ईपीएफओ के दायरे में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। इस निर्णय से ,ऐसे 4।3 करोड़ कर्मचारियों और 6।5 लाख नियोक्ताओं को लाभ होगा जो कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये जारी लॉकडाउन के कारण नकदी समस्या से जूझ रहे हैं।

15 हजार रुपये से कम वेतन वालों का ईपीएफ अगस्त तक केंद्र देगा

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दी गयी राहत को तीन महीने यानी अगस्त तक के लिये और बढ़ाने की घोषणा की। इसके तहत कारोबारियों और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि में दिये जाने वाले मूल वेतन का कुल 24 प्रतिशत (12 प्रतिशत कर्मचारियों का और 12 प्रतिशत नियोक्ताओं का) भुगतान सरकार करेगी। इससे 3।67 लाख नियोक्ताओं और 72।22 लाख कर्मचारियों को राहत मिलेगी। सीतारमण के अनुसार इससे संगठित क्षेत्र के 72।22 लाख कर्मचारियों और उनके नियोक्ताओं को 2,500 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचेगा।

वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'कल पीएम का आर्थिक पैकेज पर ऐलान आपने सुना, इस पैकेज पर फैसला समाज के कई सेक्शन, कई मंत्रालय और विभागों के बीच चर्चा के बाद लिया गया था। कई विभागों, मंत्रालयों के अलावा पीएम मोदी खुद इस पैकेज पर चर्चा में शामिल रहे।'

MSMEs को मिले 3 लाख करोड़ रुपये

एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की जाएगी। इन कारोबारियों को 4 साल तक बिना गारंटी के कर्ज मिलेगा। इस कदम से 45 लाख छोटी कंपनियों को फायदा मिलेगा। कुल मिलाकर MSME के लिए 6 बड़े कदम उठाए गए हैं। स्ट्रेस्ड MSME यानी कर्ज़ में डूबी कंपनियों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इन कंपनियों को पैसे देकर फिर से पटरी पर लाने की कोशिश है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER