Bihar Elections / नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर कसा था तंज, अब पीएम मोदी ने चुनावी रैली में दिलाया याद

Zoom News : Oct 28, 2020, 02:34 PM
Bihar Elections: बिहार में बुधवार से विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) शुरू हो गए हैं। यहां पर आज पहले चरण की वोटिंग भी हो रही है। लेकिन बाकी चरणों के लिए चुनावी रैलियां भी जारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) खुद बुधवार को यहां तीन जगहों पर रैलियां कर रहे हैं। सुबह में मिथिला क्षेत्र में पहुंचे हुए पीएम ने यहां पर अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर एक टिप्पणी की है, जिससे लोगों की नीतीश कुमार को लेकर एक पुरानी याद ताजा हो गई है। नीतीश कुमार ने कभी मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी पर तंज कसा था, आज पीएम मोदी की यह टिप्पणी उसी तंज के अंडरटोन में थी। 

पीएम ने कहा कि 'मिथिला में जन्म लेने वाली मां सीता आज अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण को देखकर बहुत खुश होंगी।' पीएम ने कहा कि 'सदियों की तपस्या के बाद, अब आखिरकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। वो सियासी लोग जो बार-बार हमें तारीख पूछा करते थे, बहुत मजबूरी में वो भी तालियां बजा रहे हैं। यही बीजेपी, NDA की पहचान है- जो हम कहते हैं, वो हम करते हैं।'

बता दें कि नीतीश कुमार ने 2015 में बीजेपी पर ऐसा ही कुछ तंज कसा था। उस वक्त वो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के साथ महागठबंधन में थे। उन्होंने कहा था, 'बीजेपी और आरएसएस के लोग कहते रहते हैं- राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, पर तारीख नहीं बताएंगे।'

हालांकि, इस टिप्पणी के ठीक पहले ही पीएम मोदी ने नीतीश कुमार की अच्छी-खासी तारीफ की थी और उन्होने भावी मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि 'पिछले 15 सालों में नीतीश जी के नेतृत्व में बिहार ने अच्छी प्रगति की है।' उन्होंने बिहार के आर्थिक सुधार के लिए नीतीश कुमार को क्रेडिट भी दिया।

कुछ इसी तरह का मसला पिछले शुक्रवार को भी देखने को मिला था। पीएम ने सासाराम की रैली में जम्मू-कश्मीर में विशेष दर्जा देने वाली आर्टिकल 370 हटाने के केंद्र के फैसले का जिक्र करते हुए विपक्ष पर हमला किया था। उन्होंने इस फैसले का आलोचना करने वालों पर निशाना साधा लेकिन दिलचस्प है कि मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध खुद उस वक्त नीतीश कुमार ने किया था। यहां तक कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में इसका विरोध भी किया था। हालांकि, कानून बन जाने के बाद नीतीश और उनके सांसदों ने इसे अपना समर्थन दे दिया था।

बता दें कि इस बार फिर भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड एक साथ चुनाव लड़े रहे हैं। पहले चरण में 71 सीटों पर वोटिंग हो रही है, इसमें से 35 सीटों पर जेडीयू ने और 29 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एनडीए की सहयोगी रही चिराग पासवान की पार्टी इस बार गठबंधन से अलग हो गई है। चिराग ने अपने उम्मीदवार जेडीयू उम्मीदवारों के खिलाफ उतारे हैं, जिसके बाद ऐसी चर्चा उठी थी कि वो अलग हो जाने के बाद भी जेडीयू को गच्चा देते हुए बीजेपी की बैकडोर से मदद कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी ने इन दावों को बार-बार ठुकराया है और कहा है कि चिराग पासवान से उसका कोई लेना-देना नहीं है।

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