राज्य / चिकित्सा संस्थान, नगर पालिका-निगम को जन्म-मृत्यु का शत प्रतिशत पंजीकरण अनिवार्य

Dainik Bhaskar : Aug 18, 2019, 02:32 PM
जयपुर। चिकित्सा संस्थानों में जन्म और मृत्यु की हर घटना के शत-प्रतिशत पंजीकरण के लिए ‘विजन-2020’के तहत कार्यरत रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार को पाबंद किया गया है। भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय ने जन्म-मृत्यु पंजीयन प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए ‘विजन-2020’ कार्यक्रम बनाया है। इसके तहत वर्ष 2020 तक जन्म और मृत्यु के पंजीकरण स्तर को शत प्रतिशत करना एवं सभी पंजीकृत जन्म और मृत्यु के लिए विधिक प्रमाण पत्र देना है।

जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के अंतर्गत मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) कार्यपालक प्राधिकारी है, जो राज्य में रजिस्ट्रीकरण के कार्य में समन्वय, एकीकरण और पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी हैं। इसमें नगर निगम, नगर पालिका के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

प्रदेश में संचालित सरकारी चिकित्सालय, सीएचसी व पीएचसी में रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार नियुक्त है जो संस्थानों में जन्म लेने वाले व मृत्यु की घटना को पंजीकृत करने के लिए अधिकृत है। चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त निदेशक (ग्रामीण स्वास्थ्य) डॉ. रवि कुमार शर्मा ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को जन्म और मृत्यु का शत प्रतिशत पंजीकरण के निर्देश दिए है।

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