चुरू / भाजपा ने चूरू लोकसभा सीट से कस्वां पर फिर जताया भरोसा

Dainik Bhaskar : Mar 30, 2019, 07:55 AM
भाजपा ने चूरू लोकसभा टिकट के लिए एक बार फिर वर्तमान सांसद राहुल कस्वा पर ही दांव खेला है। शुक्रवार दोपहर में भाजपा की जारी सूची में राहुल कस्वा की टिकट फाइनल होते ही समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता खुशी से झूम उठे। अातिशबाजी व मिठाईयां खिलाकर जश्न मनाया। पिछले कई दिनों से टिकट में दो दिग्गज नेताओं की आपसी खींचतान व गुटबाजी के चलते राहुल कस्वा का नाम फाइनल नहीं किया जा रहा था। लोगों को काफी समय से चूरू से भाजपा की टिकट फाइनल होने का इंतजार था। 

इधर, भाजपा में आमेर विधायक सतीश पूनिया, अंतरराष्‍ट्रीय खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया, नेता उपप्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जिला प्रमुख हरलाल सहारण का नाम चल रहा था, लेकिन हर सर्वे में राहुल कस्वा का नाम एक नंबर पर था। 42 वर्षीय राहुल कस्वा ने पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में 2,94,739 मतों से जीत हासिल कर संसदीय क्षेत्र में भाजपा को लगातार चौथी जीत दिलाई थी। इससे पहले चार बार सांसद रह चुके उनके पिता रामसिंह कस्वा लगातार तीन बार जीत चुके थे। राहुल को 5,95,756 वोट मिले थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के अभिनेष महर्षि को 301017 वोट मिले थे। कांग्रेस के प्रताप पूनिया ने सिर्फ 1,76912 वोट हासिल किए, जो अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे। 2009 के चुनाव में रफीक के सामने थे पिता रामसिंह, अब बेटे से मुकाबला कांग्रेस की ओर से गुरुवार देर रात को जारी सूची में रफीक मंडेलिया को टिकट दी गई। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रफीक मंडेलिया ने वर्तमान सांसद राहुल कस्वा के पिता तत्कालीन सांसद रामसिंह कस्वा के सामने चुनाव लड़ा था। अब रामसिंह के बेटे राहुल से मंडेलिया का चुनावी मुकाबला होगा। गौरतलब है कि 2009 में रफीक मंडेलिया को तीन लाख 64 हजार 268 वोट मिले थे, जबकि रामसिंह कस्वा को तीन लाख 76 हजार 708 वोट मिले थे। मंडेलिया 12 हजार 440 वोट से हारे थे। 

राहुल को ही दुबारा टिकट देने के पीछे ये तीन बड़ी वजह... 

1. पिछले पांच साल में राहुल कस्वा पूरे लोकसभा क्षेत्र में काफी ज्यादा सक्रिय है। जिताऊ उम्मीदवार है। पिछले चुनाव में करीब तीन लाख वोटों के अंतर से जीते थे। खुद युवा होने के नाते युवाअों में इनके प्रति काफी लगाव और क्रेज है। सांसद के नाते रेलवे, खेल, हाईवे सहित अन्य बड़े प्रोजेक्टों पर कर सफलता हासिल की। 

2. पिता रामसिंह कस्वा की क्षेत्र में छवि अलग है। वे सीधे और सरल स्वभाव से जाने जाते है। चूरू से तीन बार लगातार सहित कुल चार बार सांसद रहने से जनता में पकड़ अच्छी है। जाट समाज के दिग्गज नेता होने का भी सीधा फायदा है। 

3. लाेकसभा में आने वाली नोहर व भादरा विधानसभा क्षेत्र से भी कस्वा परिवार को लीड मिलती है। पिछले चुनाव में भी इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी कस्वा को अच्छी लीड मिली थी। 

इन नेताओं का नाम भी था चर्चा में 

आमेर विधायक सतीश पूनिया, अंतरराष्‍ट्रीय खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया, नेता उपप्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जिला प्रमुख हरलाल सहारण का नाम चल रहा था, लेकिन हर सर्वे में राहुल कस्वा का नाम एक नंबर पर था। 

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