AajTak : Aug 17, 2020, 06:30 AM
Delhi: फेसबुक हेट स्पीच के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, बीजेपी के नेता गलत जानकारी और नफरत फैलाने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने फेसबुक के आधिकारियों से सांठगांठ भी की, ताकि सोशल मीडिया पर नियंत्रण बना रहे।
प्रियंका गांधी ने बीजेपी नेता पर भड़काऊ पोस्ट पर फेसबुक की ओर से एक्शन नहीं लेने की एक रिपोर्ट को साझा किया है। अपनी पोस्ट में प्रियंका गांधी ने लिखा, भारत के ज्यादातर मीडिया चैनल के बाद अब सोशल मीडिया की बारी है। भारतीय जनता पार्टी नफरत और दुष्प्रचार फैलाने के लिए हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल करती थी और अभी भी कर रही है।प्रियंका गांधी ने कहा, फेसबुक जो आम जनमानस की अभिव्यक्ति का एक सरल माध्यम है, उसका भी इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भ्रामक जानकारी और नफरत फैलाने के लिए किया। इतना ही नहीं फेसबुक कोई कार्रवाई न कर पाए इसके लिए बीजेपी ने फेसबुक के आधिकारियों से सांठगांठ भी की, ताकि सोशल मीडिया पर नियंत्रण बना रहे।
शशि थरूर ने भी किया ट्वीटइस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया है। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति निश्चित रूप से इन रिपोर्टों के बारे में फेसबुक से सुनना चाहती है और भारत में हेट स्पीच के बारे में वो क्या करने का प्रस्ताव करती है।
क्या है पूरा मामलाये विवाद वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट से शुरू हुआ। रिपोर्ट में कहा गया, बीजेपी के नेता टी।राजा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमानों को गोली मार देनी चाहिए। मुस्लिमों को देशद्रोही बताया था और मस्जिद गिराने की भी धमकी दी थी। इसका विरोध फेसबुक की कर्मचारी ने किया था और इसे कंपनी के नियमों के खिलाफ माना था। हालांकि, कंपनी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।प्रियंका गांधी से पहले राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, बीजेपी और आरएसएस का भारत में फेसबुक और वॉट्सऐप पर कब्जा है। वे इसके जरिए फेक न्यूज और नफरत फैलाने का काम करते हैं। वे इसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं।
फेसबुक ने दी सफाईअपने ऊपर लग रहे आरोपों के बाद फेसबुक ने सफाई जारी की। फेसबुक ने कहा, हम हेट स्पीच और ऐसे कंटेंट पर रोक लगाते हैं जो हिंसा भड़काता है। हम ये नीति वैश्विक स्तर पर लागू करते हैं। हम किसी की राजनीतिक स्थिति या जिस भी पार्टी से नेता संबंध रख रहा, नहीं देखते हैं।
प्रियंका गांधी ने बीजेपी नेता पर भड़काऊ पोस्ट पर फेसबुक की ओर से एक्शन नहीं लेने की एक रिपोर्ट को साझा किया है। अपनी पोस्ट में प्रियंका गांधी ने लिखा, भारत के ज्यादातर मीडिया चैनल के बाद अब सोशल मीडिया की बारी है। भारतीय जनता पार्टी नफरत और दुष्प्रचार फैलाने के लिए हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल करती थी और अभी भी कर रही है।प्रियंका गांधी ने कहा, फेसबुक जो आम जनमानस की अभिव्यक्ति का एक सरल माध्यम है, उसका भी इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भ्रामक जानकारी और नफरत फैलाने के लिए किया। इतना ही नहीं फेसबुक कोई कार्रवाई न कर पाए इसके लिए बीजेपी ने फेसबुक के आधिकारियों से सांठगांठ भी की, ताकि सोशल मीडिया पर नियंत्रण बना रहे।
शशि थरूर ने भी किया ट्वीटइस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी ट्वीट किया है। सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति निश्चित रूप से इन रिपोर्टों के बारे में फेसबुक से सुनना चाहती है और भारत में हेट स्पीच के बारे में वो क्या करने का प्रस्ताव करती है।
क्या है पूरा मामलाये विवाद वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट से शुरू हुआ। रिपोर्ट में कहा गया, बीजेपी के नेता टी।राजा ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमानों को गोली मार देनी चाहिए। मुस्लिमों को देशद्रोही बताया था और मस्जिद गिराने की भी धमकी दी थी। इसका विरोध फेसबुक की कर्मचारी ने किया था और इसे कंपनी के नियमों के खिलाफ माना था। हालांकि, कंपनी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।प्रियंका गांधी से पहले राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, बीजेपी और आरएसएस का भारत में फेसबुक और वॉट्सऐप पर कब्जा है। वे इसके जरिए फेक न्यूज और नफरत फैलाने का काम करते हैं। वे इसका इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए करते हैं।
फेसबुक ने दी सफाईअपने ऊपर लग रहे आरोपों के बाद फेसबुक ने सफाई जारी की। फेसबुक ने कहा, हम हेट स्पीच और ऐसे कंटेंट पर रोक लगाते हैं जो हिंसा भड़काता है। हम ये नीति वैश्विक स्तर पर लागू करते हैं। हम किसी की राजनीतिक स्थिति या जिस भी पार्टी से नेता संबंध रख रहा, नहीं देखते हैं।