नई दिल्ली / बीजेपी का विकल्प मैंने नहीं बीजेपी ने खत्म किया है: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे

Live Hindustan : Nov 12, 2019, 10:09 PM
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा मिलकर सरकार बनाने का फार्मूला खोज लेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना को भी कांग्रेस और राकांपा की तरह न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से पहली बार 11 नवंबर को संपर्क किया था।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस और राकांपा की तरह ही शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से पहली बार सोमवार को संपर्क किया था। इससे भाजपा का यह आरोप गलत साबित होता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद से ही कांग्रेस और राकांपा के संपर्क में थी।”

सोमवार को शिवसेना राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए जरूरी राकांपा और कांग्रेस का समर्थन पत्र प्रस्तुत नहीं कर पायी थी। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया गया। कांग्रेस और राकांपा के साथ संभावित गठजोड़ के बारे में ठाकरे ने कहा कि वह इस पर विचार कर रहे हैं कि किस प्रकार विभिन्न विचारधाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन से घबराने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस और शिवसेना के साथ हमारी बातचीत जारी है। उद्धव ठाकरे ने कहा, "काफी सालों से भाजपा-शिवसेना साथ थे, लेकिन अब शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाना है। दोनों पार्टियों से हमारी बातचीत होगी। मैं अरविंद सावंत का धन्यवाद देता हूं, काफी लोग मंत्री पद के भूखे होते हैं, लेकिन वो उनकी तरह नहीं हैं। उनके ऊपर गर्व है।"

उद्धव ठाकरे के प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें

1. उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस-राकांपा के साथ संभावित गठबंधन पर कहा: मैं यह पता लगा रहा हूं कि विभिन्न विचाराधाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ कैसे गठबंधन किया।

2. मुख्यमंत्री पद के बंटवारे पर चुनावों से पहले ही फैसला हो गया था, लेकिन भाजपा ने झूठ बोला और मुझे एक झूठा व्यक्ति बना दिया

3. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने पर कहा: हमने 48 घंटे का समय मांगा था लेकिन राज्यपाल ने हमें छह महीने का समय दिया।

4. कांग्रेस और राकांपा की तरह शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर स्पष्टता की जरूरत है।

5. शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस-राकांपा से सोमवार को संपर्क किया था, जिससे भाजपा का यह आरोप खारिज हो जाता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम आने के बाद से ही इन दो दलों के संपर्क में थी।

6. यह भाजपा थी जिसने शिवसेना के साथ गठबंधन तोड़ा।

इससे पहले शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते तीन दिन का वक्त नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ मंगलवार (12 नवंबर) को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। शिवसेना की ओर से पेश हो रहे वकीलों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्होंने इस मामले पर मंगलवार को ही अविलंब सुनवाई किए जाने के संबंध में रजिस्ट्रार से अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं मिला है।

शिवसेना ने शीर्ष अदालत से सदन में बहुमत साबित करने का मौका नहीं देने के राज्यपाल के सोमवार (11 नवंबर) के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। शिवसेना ने इस निर्णय को असंवैधानिक, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया। अधिवक्ता सुनील फर्नांडिस के जरिये दायर याचिका में कहा गया है, “राज्यपाल ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बहुमत साबित करने के वास्ते तीन दिन का भी समय देने से इनकार कर दिया।”

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