लाइफस्टाइल / रिलेशनशिप में ब्रेकअप से सेहत पर पड़ता है ये प्रभाव, न करें अनदेखा

ABP News : Mar 25, 2020, 11:20 AM
लाइफस्टाइल डेस्क  | हर रिश्ते में उतार चढ़ाव आते ही हैं जिसकी वजह से कई बार रिश्ता टूट भी जाता है। पर क्या आपको पता है कि ब्रेकअप आपके शरीर को भी प्रभावित करता है। ब्रेकअप के बाद आपके शरीर पर शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सभी प्रभाव देखने को मिलते हैं। हर व्यक्ति के शरीर पर ब्रेकअप का प्रभाव अलग-अलग देखने को मिलता है। दिल टूटने या ब्रेकअप के बाद आप किसी पर भी भरोसा नहीं कर पाते हैं और अकेला रहना चाहते हैं। दिल टूटने के बाद डिप्रेशन, खुद को नुकसान पहुंचाना जैसी कई चीजें लोग करते हैं। यह सभी चीजें करने की वजह से व्यक्ति को ब्रेकअप के बाद इससे उबरने में समय लगता है।  ब्रेकअप के बाद ये बदलाव होते हैं शरीर में-

नींद की समस्या

ब्रेकअप के बाद नींद की समस्या एक आम बात है आप कई रातों तक जगे रहते हैं। आपकी नींद का सारा साइकिल खराब हो जाता है और इस तरह आप बीमार पड़ सकते हैं। वहीं न सो पाने के कारण आपके हार्मोन्स में असंतुलन हो सकता है। तनाव और बढ़ सकता है। इसके लिए एक बेडटाइम रूटीन बनाएं और हर रात इसका पालन करें। बिस्तर पर जाने से पहले गर्म स्नान करना। कैमोमाइल चाय होने से भी मदद मिल सकती है। लाइट म्यूजिक सुनें या किताबें पढ़ें और सोने की कोशिश करें।

वजन को प्रभावित करता है

ब्रेकअप के बाद लोग या तो ज्यादा खाने लगते है या उनका खाना बहुत कम हो जाता है। यह दोनो चीजें आप पर निर्भर करती हैं। कई लोग ब्रेकअप के बाद ज्यादा खाने लगते हैं जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है तो कुछ लोग खाना कम कर देते हैं। जिसके परिणामस्वरूप उनका वजन कम हो जाता है।

दिल संबंधी परेशानी

कार्डियोलॉजिस्ट्स का मानना है कि ब्रेकअप के समय व्यक्ति भावनात्मक रूप से टूट जाता है इसलिए उस वक्त उसे हार्ट संबंधी तकलीफ या दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। दरअसल ब्रेकअप के दौरान व्यक्ति के शरीर में एंड्रेनालाइन का स्तर बढ़ा हुआ होता है। ऐसे में हार्ट अटैक होने की संभावना बनी रहती है।

स्किन की समस्याएं

ब्रेकअप के बाद तनाव का स्तर काफी बढ़ जाता है। तनाव होने पर शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ने लगता है। इसके चलते त्वचा की चमक खत्म हो जाती है। अगर आप पहले से ही पिंपल्स, सोरायसिस और एग्जीमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो ब्रेकअप के बाद आपकी त्वचा की रंगत और भी खराब होने लगती है।

डाइजेशन में गड़बड़ी

ब्रेकअप के बाद मांसपेशियों में दर्द होता है जिसके चलते शरीर में मौजूद कार्टिसोल हॉर्मोन की सप्लाई पाचन संबंधी अंगों की तरफ डायवर्ट हो जाती है। जब कार्टिसोल की सप्लाई पाचन संबंधी अंगों की तरफ जरूरत से ज्यादा होती है तो भूख कम लगती है। डायरिया और पेट में मरोड़ जैसी समस्याएं भी पैदा होने लगती हैं। एक शोध के अनुसार जब लोग ब्रेकअप के दौर से गुज़र रहे होते हैं तो उनका मस्तिष्क भूख मिटाने वाले हॉर्मोन का उत्पादन अधिक मात्रा में करता है।

हाई ब्लड प्रेशर

चूंकि हमारा शरीर और दिमाग ब्रेकअप के बाद एक ट्रॉमा से गुजरता हैं, इसलिए हमें उच्च रक्तचाप होने का खतरा होता है। नींद की गड़बड़ी से परेशान, उच्च रक्तचाप भी दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। वहीं जिस तरह से आप खुद को पीड़ा में रख रहे होते हैं, ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर का होना आपको तेज सिर दर्द दे सकता है। वहीं ऐसे में एक स्वस्थ जीवन शैली को चुनें। ध्यान और एक उचित आहार रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। ये समस्या अगर लगातार हो रही है, तो अकेले रहने से बचें। दोस्तों के साथ अधिक समय बिताने की कोशिश करें।

इंटेंस क्रेविंग और इमोशनल ईटिंग

अध्ययन के अनुसार, जब आप किसी को गहराई से याद करते हैं, तो आपका शरीर इसे लालसा के रूप में स्वीकार करता है। यह आश्चर्यजनक है कि इस दौरान मस्तिष्क के हिस्से कई तरह से प्रभावित होते हैं। कई बार हम लोगों से कटऑफ फील करते हैं, जो हमें अकेला करता है और ये इमोशनल ईटिंग को भी बढ़ावा देता है। बहुत से लोगों को स्ट्रेस में होने के कारण कई प्रकार के इंटेंस क्रेविंग होते हैं, जैसे अचानक से मीठा खाना या तीखा खाना। वहीं इस तरह का खाना आपका वजन बढ़ा सकता है और आपको कई तरह से परेशान भी कर सकता है। ऐसे में नए दोस्त बनाएं या किसी नए शौक की तलाश करें जहां आपका मन लगा रहे।

मांसपेशियों में दर्द

बेक्रअप के बाद मांसपेशियों में सूजन आ जाती है, सिरदर्द बढ़ जाता है और गर्दन में भी अकड़न आ जाती है। आपके पूरे शरीर में दर्द का एहसास होने लगता है। कई बार पैर भी इतने स्थिर (स्टिफ) हो जाते हैं कि पैदल चलना और सीढ़ियां चढ़ना भी मुश्किल हो जाता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बना देता है

ब्रेकअप के साथ-साथ आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से आपका शरीर बहुत जल्द ही बीमारियों से ग्रसित होने लगता है। इस दौरान आपके शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का स्त्राव बढ़ जाता है जो आपके इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है।

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