जयपुर / हाथ—हाथी घमासान : बसपा के विधायकों के कांग्रेस में आने के बाद मायावती, बीजेपी पर क्या बोले गहलोत

Zoom News : Sep 17, 2019, 03:28 PM
जयपुर
राजस्थान के छह विधायकों के बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने पर बसपा और कांग्रेस में घमासान मच गया है। स्थिति बसपा द्वारा मध्यप्रदेश में समर्थन वापसी पर आन खड़ी हुई है। मायावती ने कांग्रेस पर आरोप जड़ते हुए तल्ख तेवर दिखाए हैं। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मुद्दे पर मीडिया के समक्ष स्पष्टीकरण दिया है। गहलोत ने यह भी कहा है कि होर्स ट्रेडिंग करना उनका काम नहीं है। यह बीजेपी का काम है और वह कई प्रदेशों में पैसों के बल पर सरकारों को अस्थिर कर चुकी है। गहलोत ने साफ कहा है कि बीजेपी ने होर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गोवा, कर्नाटक में सरकारों को अस्थिर किया और वह मध्यप्रदेश में करने का प्रयास कर रही है।

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गहलोत ने कहा कि मायावतीजी ने जो कहा है। उनका ऐसा रिएक्शन होना स्वाभाविक है। परन्तु उन्हें सोचना चाहिए कि यहां उनकी पार्टी की सरकार नहीं है और न बनने की संभावना है। इन छह  विधायकों ने जनता की भावनाएं और प्रदेश की स्थिति देखकर यह फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि होर्स ट्रेडिंग हमने कभी नहीं किया हैं कभी किसी को प्रलोभन नहीं दिया है। बीजेपी के लोग मध्यप्रदेश में विधायकों को 25 करोड़ रुपए तक आफर करते हैं। यह पैसा कहां से आ रहा है। यहां के विधायकों ने राजस्थान की स्थिति देखी, क्षेत्र के लोगों की भावनाएं देखी कि हमें काम करवाने हैं, विकास करवाना है, सरकार के साथ जुड़कर करवा सकते हैं और सरकार भी स्टेबल रहनी चाहिए, यह सोच कर उन्होंने फैसला किया, हमने उन पर कोई दबाव नहीं बनाया,उसके बाद फैसला होना स्वाभाविक फैसला है।
देश के अंदर सब पार्टियों के साथ में जब कभी एलायंस हुआ है तो हम तो उन लोगों में है जो सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी की भावना को समझते हुए, हमेशा मायावती जी के साथ में खड़े मिले हैं...इस बात को वे स्वयं मेरे बारे में जानती हैं।

क्या बोलीं मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने तीन ​ट्वीट करके कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहाँ कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।

उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।
मायावती यहीं नहीं रुकी और कहा कि कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डा अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारतरत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।

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